न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रही हैं मिल्खा सिंह की बेटी
कोरोना का आतंक पूरी दुनिया में मचा हुआ है। यह प्रतिदिन हजारों लोगों की जिंदगी निगल रहा है। इसी बीच भारत के कुछ महान योद्धा देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी इस वायरस का मुकाबला करते हुए लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं। इन्हीं योद्धाओं में शामिल है भारत के 'फ्लाइंग सिख' यानी मिल्खा सिंह की बेटी डॉ मोना सिंह, जो अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित मेट्रोपॉलिटन अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट में कोरोना संक्रमितों की जान बचा रही हैं।
थमती सांसों के बीच जिंदगी बचाने की प्रेरणा देती है हिम्मत- मोना सिंह
डॉ मोना ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इमरजेंसी यूनिट में तैनाती के दौरान उनके सामने संक्रमण के डर से दूर रहने, खुद की सुरक्षा और लोगों की मौत के दुख से निकलकर खुद को संभालने की चुनौती होती है। उन्होंने बताया कि वह अस्पताल में लोगों की मौत देखकर सदमे में चली जाती हैं, लेकिन थमती सांसों के बीच अन्य लोगों की जिंदगी बचाने की प्रेरणा उन्हें हिम्मत देती है और वह फिर काम में जुट जाती हैं।
वर्तमान में 12 घंटे से अधिक समय की ड्यूटी कर रही है डॉ मोना
54 वर्षीय डॉ मोना ने बताया कि न्यूयॉर्क में खराब हालत हैं। वह अस्पताल में 12 घंटे ड्यूटी कर रही है और कोरोना संक्रमितों को बचाने में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि अथक प्रयासों के बाद भी वह कई संक्रमितों को नहीं बचा पाती हैं।
माता-पिता और भाई बढ़ाते हैं मोना का आत्मविश्वास
डॉ मोना ने बताया कि प्रतिदिन अपनी माता निर्मल मिखा सिंह, पिता मिल्खा सिंह और भाई जीव मिल्खा से बात करती हैं। इस संकट की घड़ी में वह उनका आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। उनकी मां ने बताया कि उनकी बेटी संक्रमितों के संपर्क में आने वाले डॉक्टरों में शामिल है, लेकिन बेटी द्वारा बरती जाने वाली सावधानी से निश्चिंत हैं। भाई जीव मिल्खा ने उन्हें हिम्मत बढ़ाने के लिए दिन में दो बाद सुखमनी साहिब के पाठ करने सलाह दी है।
90 के दशक में अमेरिका में शिफ्ट हो गई थीं डॉ मोना
डॉ मोना 90 के दशक में अमेरिका में शिफ्ट हो गई थीं। उससे पहले उन्होंने पटियाला मेडिकल कॉलेज से अपनी मेडिकल की डिग्री पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने न्यू जर्सी के एंगलवुड अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप पूरी की थी।
भारत में प्रतिष्ठित है डॉ मोना का परिवार
डॉ मोना के पिता मिल्खा सिंह देश के सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित धावक रहे हैं। उन्हें 'फ्लाइंग सिख' के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने रोम के 1960 समर ओलंपिक और टोक्यो के 1964 समर ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। डॉ मोना की मां निर्मल मिखा सिंह भारत की पूर्व वॉलीबॉल कप्तान रहीं हैं। इसी तरह उनके भाई जीव मिल्खा प्रसिद्ध गोल्फर हैं और उन्होंने 14 बार अंतर्राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए हैं।
अमेरिका और न्यूयॉर्क में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
वर्तमान में अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7.92 लाख पहुंच गई हैं। इनमें से 42,518 लोगों की मौत हो गई और 72,389 स्वस्थ हो चुके हैं। न्यूयॉर्क शहर में अब तक 1.30 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से करीब 10,000 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह पूरी दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 25 लाख पर पहुंच गया है और एक लाख 71 हजार 741 की मौत हो चुकी है।