न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज़ से भारत को सीखनी चाहिए ये अहम चीज़े
न्यूज़ीलैंड ने भारत के खिलाफ तीन मैचों की टी-20 सीरीज़ के आखिरी और निर्णायक मैच में 4 रनों से जीत दर्ज कर सीरीज़ पर 2-1 से कब्ज़ा कर लिया है। भारत ने न्यूज़ीलैंड दौरे पर वनडे सीरीज़ 4-1 से भले ही अपने नाम की थी, लेकिन इस दौरे के खत्म होने के साथ ही भारतीय टीम की कुछ कमजोरियां भी सामने आईं हैं। जिन्हें विश्व कप से पहले खत्म करना भारतीय टीम के लिए ज़रूरी है।
भारत की जीत पर लगा ब्रेक
इस सीरीज़ हार के साथ ही भारत की लगातार सीरीज़ जीत पर ब्रेक लग गया। इस सीरीज़ से पहले, जनवरी 2017 से अभी तक भारतीय टीम 10 टी-20 सीरीज़ (दो या उससे अधिक मैच की सीरीज़) अपने नाम कर चुकी थी।
रोहित की खराब कप्तानी
इस सीरीज़ में रोहित शर्मा को बतौर कप्तान क्रिकेट पंडितों से काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। सीरीज़ के आखिरी मैच में भी रोहित ने अपनी पुरानी गलतियों से कोई सबक नहीं लिया। गेंदबाज़ी में छठा विकल्प (विजय शंकर) होने के बावजूद रोहित ने तीनों मैच में सिर्फ पांच गेंदबाज़ों का ही प्रयोग किया। इसके साथ ही सीरीज़ में रोहित ने 8 बल्लेबाज़ों को खिलाया जबकि पहले मैच से ही बुमराह की गैर-मौजूदगी में गेंदबाज़ी कमज़ोर दिख रही थी।
स्पिन गेंदबाज़ों का चयन
टी-20 सीरीज़ के तीनों मैचों में कप्तान रोहित शर्मा ने कुलचा यानी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी को एक साथ नहीं खिलाया। जबकि पहले मैच से ही कीवी बल्लेबाज़ तेज़ गेंदबाज़ों पर हावी दिख रहे थे। पहले दो मैचों में रोहित ने कुलदीप को टीम में शामिल नहीं किया और आखिरी मैच में चहल को टीम से बाहर कर दिया। कुलदीप के नाम 18 टी-20 मैचों में 35 और चहल के नाम 29 टी-20 में 45 विकेट हैं।
तेज़ गेंदबाज़ों का खराब प्रदर्शन
विश्व कप से पहले भारत को अब सिर्फ घर में पांच वनडे खेलने हैं। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में बुमराह की गैर-मौजूदगी में तेज़ गेंदबाज़ों ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। बतौर ऑलराउंडर खेल रहे पंड्या भी इस सीरीज़ में काफी मंहगे साबित हुए। वहीं खलील और भुवनेश्वर ने भी काफी रन लुटाए। ऐसे में विश्व कप से पहले टीम प्रबंधन को इस बारे में ज़रूर सोचना चाहिए। हालांकि, इस सीरीज़ से शमी को भी आराम दिया गया था।
कोहली पर बहुत ज़्यादा निर्भरता
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में बल्लेबाज़ी में विराट कोहली की कमी साफ दिखी। सीरीज़ के आखिरी और निर्णायक मैच में भारत की सिर्फ 4 रन से शिक्सत हुई, लेकिन इस मैच ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज़ के आखिरी मैच की याद दिला दी। जिसे कोहली ने आसानी से खत्म किया था। ऐसे में भारतीय टीम को विश्व कप से पहले विराट कोहली के बिना भी दबाव में मैच जीतने की कला को सीखना पड़ेगा।