वेंकटराघवन से धोनी तक, विश्व कप में भारतीय टीम के कप्तानों और प्रदर्शन पर एक नजर
भारत ने अब तक दो बार विश्व कप जीता है और इस साल इंग्लैंड एंड वेल्श में होने वाले विश्व कप में वे तीसरी बार खिताब उठाने की पूरी कोशिश करेंगे। विश्व कप में अब तक भारत छह अलग-अलग कप्तानों के अंडर खेल चुका है जिसमें से दो, कपिल देव और एमएस धोनी, ने उन्हें विश्व विजेता बनाया है। जानें, विश्व कप में भारत की कप्तानी कर चुके सभी कप्तानों और उनके विश्व कप सफर के बारे में।
पहले दो विश्व कप में एस वेंकटराघवन थे भारत के कप्तान
1975 में अपने पहले विश्व कप में भारत को वेंकटराघवन की कप्तानी में ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पडा था। 1979 में एक बार फिर से भारत वेंकटराघवन की कप्तानी में विश्व कप में हिस्सा लेने पहुंचा था। इस बार भारत का प्रदर्शन और भी खराब रहा और वे अपने तीनों ग्रुप मुकाबले गंवाकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे।
कपिल देव ने बनाया विश्व विजेता
पहले दो विश्व कप में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम से 1983 में शायद ही किसी ने उम्मीद की थी। हालांकि, कपिल देव की अगुवाई में भारत ने इतिहास रचते हुए अपना पहला विश्व कप खिताब जीता। 1987 में अपना खिताब बचाने उतरी भारतीय टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। 1987 मे भारत में खेले गए विश्व कप को ऑस्ट्रेलिया ने जीता था।
सबसे ज़्यादा तीन बार विश्व कप में भारत की कप्तानी कर चुके हैैं अजहरुद्दीन
1992 में पहली बार विश्व कप राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम ने आठ में से पांच मुकाबले गंवाए और बाहर हो गई। एक बार फिर 1996 में अजहरुद्दीन की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम को सेमीफाइनल में श्रीलंका के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। 1999 में एक बार फिर अजहरुद्दीन भारतीय़ टीम के कप्तान थे, लेकिन इस बार भी टीम सुपरसिक्स तक का ही सफर तय कर सकी।
दादा ने पहुंचाया विश्व कप फाइनल में
1983 में विश्व कप जीतने के बाद से भारतीय टीम लगातार टूर्नामेंट में संघर्ष कर रही थी, लेकिन 2003 में सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचाया था। हालांकि, भारतीय टीम का दुर्भाग्य था कि पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाने के बावजूद वे फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के सामने बुरी तरह फ्लॉप रहे और फाइनल व विश्व कप खिताब, दोनों गंवा बैठे।
द्रविड़ का रिकॉर्ड रहा बेहद शर्मनाक
2007 में राहुल द्रविड़ की अगुवाई में विश्व कप खेलने गई सितारों से सजी भारतीय टीम को बांग्लादेश जैसी टीम से हार झेलनी पड़ी थी और वे ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गए थे। भारतीय टीम ने तीन में से दो मुकाबले गंवाए थे।
धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद रचा इतिहास
विश्व कप में लगातार संघर्ष कर रही भारतीय टीम और अपने करियर में मात्र एक विश्व कप खिताब की कमी महसूस कर रहे सचिन तेंदुलकर को 2011 में खुशी मिली। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद विश्व कप खिताब को उठाया। भारत में खेले गए इस टूर्नामेंट में भारत नें फाइनल में श्रीलंका को हराया था। हालांकि, 2015 में धोनी की ही कप्तानी में भारतीय टीम को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।
कप्तान कोहली जिता पाएंगे विश्व कप?
इस बार भारतीय टीम की कप्तानी का बोझ विराट कोहली के कंधो पर है। विश्व के महान बल्लेबाज़ कोहली पर उनकी कप्तानी को लेकर सवाल उठते रहते हैं। अब देखना होगा कि क्या कोहली इस बार भारतीय टीम को विश्व कप जिता पाएंगे या नहीं!