भारत बनाम इंग्लैंड: SG गेंद पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? जानिए पूरा मामला
क्या है खबर?
पहले टेस्ट में भारत को इंग्लैंड के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मैच हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने चेन्नई टेस्ट में प्रयोग में लाई गई सैंसपेरिल्स ग्रीनलैंड्स बॉल (SG) की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।
उनके अलावा भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी इस गेंद से नाखुश दिखे थे।
इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने SG निर्माता कंपनी से गेंद की गुणवत्ता की समीक्षा करने को कहा है।
आइए जानें पूरा मामला।
बयान
विराट कोहली ने असंतुष्टि जाहिर की
भारतीय कप्तान विराट कोहली भी गेंद की गुणवत्ता से खुश नहीं नजर आए थे।
उन्होंने अपनी असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा तह, "ईमानदारी से कहूं तो गेंद की गुणवत्ता बेहतर नहीं थी, क्योंकि यह पहले भी चर्चा का विषय रहा है। बस 60 ओवर में ही गेंद खराब हो गई, जो कि टेस्ट में आप ऐसा अनुभव नहीं करना चाहते। दूसरी तरफ कोई भी टीम नहीं है जो ऐसी अपेक्षा करेगी।"
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मैने कभी SG गेंद को इस तरह खराब होते नहीं देखा- अश्विन
पहले टेस्ट में नौ विकेट लेने वाले भारतीय स्पिनर अश्विन ने SG गेंद पर सवाल उठाते हुए कहा, "मैने कभी SG गेंद को सीम से इस तरह खराब होते नहीं देखा। मुझे लगा शायद पहले दो दिन पिच कठोर होने से ऐसा हुआ होगा, लेकिन दूसरी पारी में भी 35 से 40 ओवर के बाद ही गेंद की स्थिति खराब होने लगी थी।"
टीवी पर देखने पर भी साफ दिख रहा था कि गेंद बहुत खराब हो रही थी।
पुराना बयान
पहले भी SG गेंद को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं कोहली
इससे पहले भी कोहली SG गेंदों की गुणवत्ता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। उन्होंने 2018 में टेस्ट क्रिकेट के लिए ड्यूक्स गेंद को बेस्ट बताया था।
उन्होंने कहा था, "मुझे लगता है 'द ड्यूक्स गेंद' टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे उपयुक्त गेंद है। मैं गेंद की गुणवत्ता के कारण इसे पूरी दुनिया में इसका उपयोग करने की बात कहूंगा। इस गेंद से गेंदबाज हर स्थिति में मैच में बना रहता है।"
ताजा मामला
BCCI ने SG से गेंद की समीक्षा के लिए कहा
TOI के अनुसार, SG के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने कहा कि BCCI ने उनसे मामले को देखने को कहा है।
आनंद ने कहा, "हमने उन्हें कहा है कि हम इसे परखेंगे। चूंकि कुछ खिलाड़ियों ने पिच के बारे में भी शिकायत की है तो हमें इस तरह की पिच पर भी गेंद के रिऐक्शन को देखना होगा। हम गेंद को परखेंगे और उसे बेहतर करने की कोशिश करेंगे। हम बेशक ऐसी गेंद बनाएंगे जो ज्यादा समय टिक सके।"
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खिलाड़ियों की आलोचना को फीडबैक के रूप में देखती है SG
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बारे में SG के निदेशक से सम्पर्क किया। उनके अनुसार कंपनी फीडबैक के रूप में खिलाड़ियों की आलोचना को देखती है। उन्होंने कहा कि कंपनी गेंदों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी।
परिचय
SG समेत ये तीन गेंद लाई जाती हैं प्रयोग में
कूकाबुरा, ड्यूक्स और SG अंतरराष्ट्रीय मैचों में मुख्यतः प्रयोग में लाई जाने वाली गेंदे हैं।
हम SG गेंद को भारत में इस्तेमाल करते हुए देखते हैं।
दूसरी तरफ इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज के लोग ड्यूक्स गेंद का उपयोग करते हैं, जो कि इंग्लैंड में ही निर्मित होती है।
इस बीच अन्य सभी टेस्ट खेलने वाले देश कूकाबुरा गेंद का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कूकाबुरा गेंद ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाती है।
अंतर
ये है तीनों गेंदों में मुख्य अंतर
विशेष रूप से सभी तीन गेंदों में सीम के साथ टांके की छह लाइनें होती हैं।
ड्यूक्स और SG गेंदों की सभी छह लाइनें हाथों से सिली हुई होती हैं।
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया में निर्मित कूकाबुरा गेंद में अंदर की दो लाइनें हाथों से सिली जाती हैं, जबकि चार बाहरी लाइनों को मशीनों से सिला जाता है।
यही कारण है कि कूकाबुरा की सीम अन्य दोनों गेंदों की तुलना में तेजी से फ्लैट हो जाती है।