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अब 15 अप्रैल से होना है IPL, लेकिन रद्द हुआ तो आयोजकों को कितना नुकसान होगा?

अब 15 अप्रैल से होना है IPL, लेकिन रद्द हुआ तो आयोजकों को कितना नुकसान होगा?

लेखन Neeraj Pandey
Mar 14, 2020
09:08 pm

क्या है खबर?

बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (BCCI) ने कोरोना वायरस के प्रभाव के बावजूद इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आयोजन की उम्मीद नहीं छोड़ी है। बीते शुक्रवार को IPL के आयोजन की तारीख को 29 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया गया। फ्रेंचाइजी टी-20 लीग होने के बावजूद IPL आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों है कि इसे रद्द नहीं किया जा रहा है? इसका जवाब है टूर्नामेंट के रद्द होने से होने वाला हजारों करोड़ रूपये का घाटा।

कुल घाटा

टूर्नामेंट रद्द होने पर हो सकता है 3,500 करोड़ रूपये तक का घाटा

पिछले सीजन का प्ले-ऑफ खेलने वाली एक टीम के ऑफिशियल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि IPL को रद्द करना बेहद नुकसानदेह निर्णय होता। उन्होंने कहा, "टूर्नामेंट रद्द होने की वजह से सभी शेयरधारकों को 3,000 से 3,500 करोड़ रूपये तक का घाटा होगा।" एक अन्य फ्रेंचाइजी के एक्सीक्यूटिव ने बताया कि हर फ्रेंचाइजी को BCCI से मिलने वाली ब्रॉडकास्ट रेवेन्यू का 100 करोड़ रूपये और सेंट्रल स्पॉन्सर के शेयर्स का घाटा सहना पड़ेगा।

BCCI का घाटा

IPL रद्द होने पर अकेले BCCI को होगा इतना घाटा

BCCI को हर साल स्टार स्पोर्ट्स द्वारा 3,000 करोड़ रूपये ब्रॉडकास्ट रेवेन्यू के तौर पर मिलते हैं जिसे 50:50 के अनुपात में फ्रेंचाइजियों के साथ बांटा जाता है। लीग का टाइटल स्पॉन्सर करने वाली मोबाइल कंपनी वीवो भी बोर्ड को हर साल 500 करोड़ रूपये देती है। IPL रद्द होने की स्थिति में अकेले BCCI को ही 2,000 करोड़ रूपये का घाटा होगा। हर फ्रेंचाइजी अपने स्पॉन्सर्स की संख्या के आधार पर 35 से 75 करोड़ रूपये का घाटा सहेगी।

जानकारी

टिकट नहीं बिकने से होगा इतना नुकसान

स्टेडियम में मैच देखने के लिए टिकट की बिक्री से फ्रेंचाइजियों को 20 से 45 करोड़ रूपये का कारोबार होता है। ऐसे में अगर IPL रद्द हुआ तो अलग-अलग फ्रेंचाइजी को ये नुकसान उठाना पड़ सकता है।

अन्य नुकसान

फ्लाइट, होटल के खर्च के साथ दांव पर होगी 600 लोगों की नौकरी

एक ऑफिशियल ने बताया कि सभी आठों फ्रेंचाइजियों को मिलाकर देखें तो उनके फ्लाइट और होटल का कुल खर्च 50 करोड़ रूपये तक का होता है और टूर्नामेंट रद्द होने से इस पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा सभी फ्रेंचाइजी मिलकर लगभग 600 लोगों को काम पर रखते हैं जिनमें फ्रीलांसर और पेरोल पर रखे गए लोग शामिल होते हैं। ऐसे में उनकी नौकरी पर भी प्रभाव पड़ेगा और इसका कुल खर्च लगभग 10 करोड़ रूपये तक होता है।

खाली स्टेडियम

खाली स्टेडियम में हुए मैच तो होगा इतना नुकसान

एक टीम के ऑफिशियल का कहना है कि वे खाली स्टेडियमों में खेलना भी स्वीकार करेंगे। उन्होंने समझाते हुए कहा कि टोटल रेवेन्यू में से लगभग 15 प्रतिशत ही टिकट की बिक्री और अन्य तरीकों से आता है। यह जरूरी तो है, लेकिन BCCI इसकी भरपाई कर सकती है। इसलिए खाली स्टेडियमों में मैच करवाना भी सही रहेगा। 2009 में IPL का आयोजन भारत के बाहर कराया गया था। उस समय भी BCCI ने फ्रेंचाइजियों की भरपाई की थी।