अपनी टीमों के टॉप खिलाड़ी, लेकिन IPL में खेल सके एक ही सीजन
क्या है खबर?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत 2008 में हुई थी और वर्तमान समय में यह दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग है।
IPL ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ ही विदेशी खिलाड़ियों को भी काफी लाभ पहुंचाया है।
दुनिया का हर क्रिकेटर इस लीग का हिस्सा बनने का सपना देखता है, लेकिन कई टॉप खिलाड़ी इस लीग में केवल एक ही बार खेल सके हैं।
एक नजर ऐसे ही टॉप-5 विदेशी खिलाड़ियों पर।
#1
चेन्नई को तीन बार चैंपियन बनाने वाले कोच
न्यूजीलैंड के सबसे सफल कप्तान और दूसरे सबसे ज़्यादा टेस्ट खेलने वाले स्टीफन फ्लेमिंग ने 2008 में IPL का पहला सीजन चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेला था।
पहले सीजन में 10 मैचों में 196 रन बनाने वाले फ्लेमिंग को 2009 में चेन्नई ने अपना कोच बना लिया और वह खिलाड़ी के रूप में रिटायर हो गए।
फ्लेमिंग ने 2010, 2011 और 2018 में चेन्नई को IPL चैंपियन बनाया और उनकी टीम टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम है।
#2
विश्व क्रिकेट के सबसे महान ऑलराउंडर्स में से एक
इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटाफ को उनके बेहतरीन ऑलराउंड खेल के लिए याद किया जाता है।
छह फीट चार इंच लंबे फ्लिंटाफ तेज गेंदबाजी के साथ आक्रामक बल्लेबाजी करना भी जानते थे।
फ्लिंटाफ ने 2009 में पहली बार IPL में हिस्सा लिया और तीन मैचों में 62 रन बनाने के अलावा दो विकेट हासिल किए।
इसके बाद फ्लिंटाफ को दोबारा IPL में खेलने का मौका नहीं मिला।
#3
डेक्कन चॉर्जर्स को चैंपियन बनाने वाला कोच
1999 और 2003 में विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियन टीम का हिस्सा रहने वाले डेरन लेहमन का भी खिलाड़ी के रूप में IPL करियर काफी छोटा रहा।
पहले सीजन में राजस्थान रॉयल्स के लिए दो मैच खेलने वाले लेहमन को अगले साल डेक्कन चॉर्जर्स ने अपना कोच बनाया।
2008 में एकदम आखिरी स्थान पर रहने वाली डेक्कन ने लेहमन की कोचिंग में 2009 में खिताब अपने नाम किया।
#4
न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक
न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड को उनकी गति और सटीक यॉर्कर के लिए जाना जाता था।
चोट के कारण अपने इंटरनेशनल करियर में ज़्यादातर समय संघर्ष करने वाले बॉन्ड को IPL में भी ज़्यादा मौका नहीं मिल सका।
2010 में पहली बार IPL खेलने वाले बॉन्ड केवल एक ही सीजन टूर्नामेंट का हिस्सा बन सके।
उन्होंने IPL में खेले आठ मैचों में उन्होंने सात की इकॉनमी से नौ विकेट लिए थे।
#5
वर्तमान समय में ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान
ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट टीम कैप्टन और विकेटकीपर बल्लेबाज टिम पेन को भी IPL में ज़्यादा मौके नहीं मिले।
2011 में पुणे वारियर्स इंडिया के लिए दो मैच खेलने वाले पेन के लिए वही दो मैच IPL के कुल मैच साबित हुए।
80 टी-20 मैचों में 1,637 रन बनाने वाले पेन ने टी-20 क्रिकेट में 10 अर्धशतक लगाए हैं।
इंटरनेशनल क्रिकेट में उस समय कम व्यस्त रहने वाले पेन और ज़्यादा मौकों के हकदार थे।