पांच भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी जिन्हें लोगों ने काफी जल्दी भुला दिया
किसी भी लेवल पर क्रिकेट खेल रहे हर भारतीय का सपना होता है कि वह भारत के लिए खेल सके। भारतीय टीम में मौका मिलने पर हर खिलाड़ी कोशिश करता है कि वह टीम में अपनी जगह पक्की कर ले जाए। हालांकि, कुछ क्रिकेटर ऐसे रहे हैं जिन्हें या तो ज़्यादा मौके नहीं मिले या फिर उन्हें अचानक से टीम से बाहर कर दिया गया। एक नजर ऐसे ही पांच भारतीय क्रिकेटर्स पर जिन्हें काफी जल्दी भुला दिया गया।
फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में बेहतरीन, लेकिन भारत के लिए नहीं मिले ज़्यादा मौके
बेहतरीन ऑलराउंडर की खोज में भारत ने जय प्रकाश यादव को भी मौका दिया था। रेलवे के लिए उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें भारत, जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड के बीच 2005 में खेली गई त्रिकोणीय सीरीज़ में मौका दिया। दूसरे वनडे में भारत की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई, लेकिन यादव ने 92 गेंदों में 69 रनों की बेहतरीन पारी खेली। 130 फर्स्ट-क्लास और 134 लिस्ट ए खेलने के बावजूद वह भारत के लिए केवल 12 वनडे ही खेल सके।
अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम में स्थाई नहीं हो सके
2002 अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहने वाले वेणुगोपाल राव को 2005 में भारत के लिए खेलने का मौका मिला था। इंडियन ऑयल कप के पहले मैच में ही उन्होंने 38 रन बनाए और भारत के लिए दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। 16 वनडे में 218 रन बनाने वाले राव को मई 2006 के बाद दोबारा भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में सात साल खेले, एक झटके में हो गए गायब
विकेटकीपर बल्लेबाज की खोज कर रही भारतीय टीम ने 2001 में दिनेश मोंगिया को वनडे डेब्यू करने का मौका दिया। 2007 में भारत के लिए आखिरी मैच खेलने वाले मोंगिया को 57 वनडे खेलने का मौका मिला। उन्होंने वनडे करियर में 1,230 रन बनाए जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। 121 फर्स्ट-क्लास और 198 लिस्ट ए मैच खेलने वाले मोंगिया को लोगों ने एक झटके में भुला दिया।
26 साल की उम्र में ही टीम से बाहर कर दिए गए कैफ
20 साल की उम्र में अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले मोहम्मद कैफ ने 2002 नैटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 87 रनों की पारी खेली थी। कैफ के दम पर भारत ने 326 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया था। भारत के जोंटी रोड्स कहे जाने वाले कैफ ने 125 वनडे में 2,753 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं। 2006 में 26 साल की उम्र में ही कैफ टीम से बाहर हो गए।
एक बार हुए बाहर तो दोबारा नहीं मिला मौका
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रुद्र प्रताप सिंह ने 20 साल की उम्र में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। आरपी ने 58 वनडे में 69, 14 टेस्ट में 40 और 10 टी-20 में 15 विकेट हासिल किए हैं। 2007 टी-20 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के लिए आरपी ने अहम भूमिका निभाई थी। 2017 तक फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने वाले आरपी को 2011 के बाद से भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।