नीरज चोपड़ा ने भारत में डोपिंग को गंभीर समस्या बताया, युवा खिलाड़ियों को दी ये हिदायत
क्या है खबर?
भारत में खिलाड़ियों के लिए डोपिंग एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है।
कुछ खिलाड़ी शारीरिक दक्षता और ताकत में बेहतरी के लिए प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर लेते हैं और डोपिंग में फंसकर अपना करियर खराब कर लेते हैं।
भारत के दिग्गज भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इस गंभीर समस्या पर अपनी बात रखी है। नीरज ने कोचों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने खिलाड़ियों को डोपिंग से दूर रखें।
जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
बयान
भारत में डोपिंग एक बड़ी समस्या है- नीरज चोपड़ा
नीरज ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में कहा, "आज के समय में डोपिंग भारत में बड़ी समस्या हो रखी है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि एक बार डोपिंग का ख्याल दिमाग में आ जाए तो आगे चलकर यह मुश्किल हो जाता है। फिर खिलाड़ी उस स्तर पर नहीं खेल सकते। उन्हें लगता है कि यही सही चीज है, जिससे उनका प्रदर्शन अच्छा हो सकता है। लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है।"
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मेहनत और सही मार्गदर्शन से खिलाड़ी सफल होता है- नीरज चोपड़ा
टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी अपनी मेहनत और कोच के सही मार्गदर्शन से ही सफल हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा, "अच्छा खाओ-पीयो, अच्छा आराम करो और खूब मेहनत करो। ये जो डोपिंग करते हैं, टेस्ट में पकड़े जाते हैं और उनके 4 साल बैन में चले जाते हैं। ऐसे में डोपिंग में जीवन बिलकुल भी नहीं है। अगर उच्च स्तर पर खेलना है तो हमारे खिलाड़ियों को ये मानसिकता बदलनी पड़ेगी।"
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नीरज ने कोचों से किया अनुरोध, युवा खिलाड़ियों को दी ये हिदायत
ओलंपिक खेलों में कुल 2 पदक जीत चुके नीरज ने आगे कहा, "मैं कोचों से अनुरोध करता हूं कि वे खिलाड़ियों को डोपिंग से दूर रखें। मुझे लगता है कि अगर इसमें सुधार होता है, तो हमारे खेल का स्तर बेहतर हो जाएगा। आजकल जो भी बच्चा खेल में अच्छा होता है, अच्छे स्तर पर पहुंचता है और फिर डोपिंग के दायरे में आ जाता है। यह एक समस्या है। उन्हें बाहर खाने-पीने में भी सावधानी बरतनी चाहिए।"
टेस्ट
कैसे किया जाता है डोप टेस्ट?
किसी खिलाड़ी ने प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया है या नहीं, इसका पता डोप टेस्ट के जरिए किया जाता है।
अमूमन इस प्रक्रिया में खिलाड़ियों के पेशाब या खून का सैंपल लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है।
कोई भी खिलाड़ी जो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व करता है, वो वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के अधीन है और नियमानुसार कभी भी और कहीं भी उनका परीक्षण किया जा सकता है।