टी-20 विश्व कप, फाइनल: न्यूजीलैंड को 8 विकेट से हराकर ऑस्ट्रेलिया बना चैंपियन, बने ये रिकॉर्ड्स
टी-20 विश्व कप फाइनल में न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हराते हुए ऑस्ट्रेलिया ने खिताब अपने नाम कर लिया है। पांच बार वनडे विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार टी-20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है। पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने केन विलियमसन (85) की बदौलत 172/4 का स्कोर खड़ा किया था जिसे ऑस्ट्रेलिया ने मिचेल मार्श (77*) की बदौलत हासिल कर लिया। आइए जानते हैं कैसा रहा मुकाबला और क्या बने इसमें रिकॉर्ड्स।
इस तरह ऑस्ट्रेलिया को मिली जीत
न्यूजीलैंड ने पहले 10 ओवर्स में एक विकेट के नुकसान पर केवल 57 रन बनाए थे। हालांकि, विलियमसन (85) की पारी की बदौलत टीम ने 172 रनों का स्कोर खड़ा किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए जोश हेजलवुड ने 16 रन देकर सबसे अधिक तीन विकेट लिए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 15 के स्कोर पर पहला विकेट गंवा दिया था। हालांकि, डेविड वॉर्नर (53) और मार्श (77*) ने शानदार पारी खेलते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई।
वॉर्नर बने 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट'
48.16 की औसत के साथ 289 रन बनाने वाले डेविड वॉर्नर को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया है। वॉर्नर टूर्नामेंट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। बाबर आजम (303) ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाए।
मार्श ने लगाया टी-20 विश्व कप फाइनल का सबसे तेज अर्धशतक
15 के स्कोर पर आरोन फिंच का विकेट गिरने के बाद मैदान में आए मार्श ने अपनी पहली तीन गेंदों पर एक छक्का और दो चौके लगाए और अपने इरादे साफ कर दिए थे। मार्श ने लगातार आक्रमण जारी रखा और 31 गेंदों में टी-20 विश्व कप फाइनल का सबसे तेज अर्धशतक लगाया। इससे पहले इसी मुकाबले में केन विलियमसन ने 32 गेंदों में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड बनाया था।
अर्धशतकीय पारी खेलकर विलियमसन ने बनाए ये रिकॉर्ड्स
विलियमसन ने 48 गेंदों में 85 रनों की जोरदार पारी खेली। विलियमसन ने 32 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया जो टी-20 विश्व कप फाइनल में दूसरा सबसे तेज अर्धशतक है। वह टी-20 विश्व कप फाइनल में 50 से अधिक रनों की पारी खेलने वाले केवल दूसरे कप्तान बने हैं। इसके अलावा विलियमसन प्रतियोगिता के फाइनल में कप्तान के रूप में सर्वोच्च व्यक्तिगत पारी खेलने वाले बल्लेबाज भी बने हैं।
टी-20 विश्व कप फाइनल में सबसे ज्यादा रन लुटाने वाले गेंदबाज बने स्टार्क
मिचेल स्टार्क ने चार ओवर्स में बिना कोई विकेट लिए 60 रन लुटाए जो विश्व कप फाइनल में किसी गेंदबाज का सबसे खराब प्रदर्शन है। इससे पहले 2012 विश्व कप के फाइनल में लसिथ मलिंगा ने 54 रन लुटाए थे। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में एक मैच में स्टार्क से अधिक रन केवल एंड्रयू टाई (64) ने खर्च किए हैं। टाई ने भी 2018 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ये रन खर्च किए थे।
अपने आलोचकों को गलत साबित करते हुए चैंपियन बना ऑस्ट्रेलिया
अपनी पिछली पांच टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को लगातार हार झेलनी पड़ी थी। टी-20 विश्व कप से ठीक पहले उन्हें वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के खिलाफ 4-1 के अंतर से करारी हार झेलनी पड़ी थी। इस प्रदर्शन के कारण शायद ही किसी ने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जीतने के लिए फेवरिट माना था। हालांकि, फिंच एंड कंपनी ने अपने सभी आलोचकों को गलत साबित करते हुए विश्व कप जीता।