भारतीय क्रिकेट के इतिहास में रहे हैं 24 कोच, जानिए किसने दिलाई ICC ट्रॉफी
टी-20 विश्व कप 2024 में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 17 साल बाद टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की। इस दौरान राहुल द्रविड़ कोच थे। उनके कार्यकाल का यह आखिरी टूर्नामेंट था। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक 24 कोच रहे हैं। इनमें से 4 (जॉन राइट, ग्रैग चैपल, डंकन फ्लेचर और गैरी कर्स्टन) विदेशी और अन्य सभी भारतीय मूल के हैं। आइए जानते हैं किन कोचों ने भारतीय टीम को ICC ट्रॉफी दिलाई है।
1983 विश्व कप में भारतीय टीम के पास नहीं था कोई कोच
भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार साल 1983 में वनडे विश्व कप अपने नाम किया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय टीम के पास कोई कोच नहीं था। टीम के प्रबंधक पीआर मान सिंह थे। वह 1983 से 1987 तक इस पद पर रहे। टीम के सदस्य रहे कृष्णम्माचारी श्रीकांत ने एक इंटरव्यू में कहा था, "हम चैंपियन इसी वजह से बने थे, क्योंकि हमारे पास कोच नहीं था। इससे हम पर कोई दबाव नहीं होता था।"
भारतीय टीम ने 24 साल बाद उठाया था विश्व कप का खिताब
भारतीय टीम 1983 के बाद साल 2007 में टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम करने में कामयाब रही थी। उस टूर्नामेंट में भी भारतीय टीम का कोई स्थाई कोच नहीं था। टीम के प्रबंधक लालचंद राजपूत के पास ही कोच की भूमिका थी। उनका कार्यकाल साल 2008 तक का था। उस दौरान भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ वनडे सीरीज भी जीती थी। टी-20 विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को हराया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
चैपल ने साल 2007 के वनडे विश्व कप में मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम के कोच का पद छोड़ दिया था। इसी कारण टीम के कोच का पद 1 साल तक खाली था। जब तक नया कोच नहीं मिला, राजपूत टीम प्रबंधक थे।
2011 के वनडे विश्व कप में कर्स्टन थे टीम के कोच
भारतीय टीम ने साल 1983 के बाद पहली बार वनडे विश्व कप 2011 में जीता था। इस विश्व कप में भारतीय टीम के कोच दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी रहे कर्स्टन थे। टीम ने विश्व कप के फाइनल मैच में श्रीलंका क्रिकेट टीम को 6 विकेट से हराया था। सेमीफाइनल में टीम को ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत टीम के खिलाफ उन्हें जीत मिली थी। कर्स्टन साल 2008 से 2011 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे।
कर्स्टन के कार्यकाल में भारतीय टीम का प्रदर्शन
कर्स्टन ने 33 टेस्ट में भारतीय टीम की कोचिंग की थी। 16 में टीम को जीत और 6 मुकाबलों में हार मिली थी। 11 मैच ड्रॉ रहे थे। वनडे में 93 मुकाबलों में वह कोच थे। 59 में टीम को जीत और 29 में हार मिली। 1 मैच टाई और 4 मुकाबलों में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। टी-20 क्रिकेट के 18 मैच में उन्होंने कोचिंग दी थी। 9 में टीम को जीत और 9 में हार मिली थी।
2013 में डंकन फ्लेचर की कोचिंग में जीते चैंपियंस ट्रॉफी
2013 में भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी और डंकन फ्लेचर की कोचिंग में ICC चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था। फाइनल मैच में टीम ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम को हराया था। फ्लेचर साल 2011 से 2015 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे। इन्हीं की कोचिंग में भारतीय टीम साल 2015 का वनडे विश्व कप भी खेली थी। हालांकि, उस विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार मिली थी।
कैसा रहा फ्लेचर का कार्यकाल?
फ्लेचर ने 39 टेस्ट में भारतीय टीम के कोच रहे। इस दौरान टीम को 13 मैच में जीत और 17 में हार मिली, जबकि 9 मैच ड्रॉ रहे। वनडे में उन्होंने 107 मैच में कोचिंग दी, 64 में टीम को जीत और 35 में हार का सामना करना पड़ा। 3 मैच टाई रहे और 5 में नतीजा नहीं निकल पाया था। उनकी कोचिंग में 7 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में जीत और 3 में हार मिली थी। 1 मैच टाई रहा था।
द्रविड़ का कार्यकाल रहा शानदार
द्रविड़ ने भारतीय टीम के लिए 56 वनडे, 77 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में कोचिंग की, इस दौरान 41 वनडे और 55 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में टीम को जीत मिली। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 24 मुकाबलों में कोचिंग की थी। इस दौरान भारतीय टीम को 14 मुकाबलों में जीत मिली थी और सिर्फ 7 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा। टी-20 विश्व कप के अलावा द्रविड़ की कोचिंग में टीम ने एशिया कप भी अपने नाम किया था।