दिल्ली सामूहिक आत्महत्या: परिवार ने यूट्यूब से सीखा था घर को गैस चैंबर बनाने का तरीका
क्या है खबर?
दिल्ली के वसंत विहार में एक महिला और दो बेटियों की आत्महत्या ने सबको चौंका दिया था। इस परिवार ने अपने फ्लैट को 'गैस चैंबर' में बदलकर आत्महत्या की थी।
अब जांच में सामने आया है कि यह परिवार पिछले कई महीनों से आत्महत्या की तैयारी कर रहा था। उन्होंने यूट्यूब से घर को गैस चैंबर में बदलना सीखा था और जरूरत का सामान ऑनलाइन मंगवाया था।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पृष्ठभूमि
गैस चैंबर बनाकर परिवार ने की आत्महत्या
परिवार ने आत्महत्या करने से पहले फ्लैट के सभी दरवाजों, खिड़कियों और वेंटीलेटर्स को पॉलिथिन की मदद से सील पैक कर दिया और फिर रसोई गैस को खोल कर अंगीठी को जलते हुए छोड़ दिया। ऐसा करने से पूरे फ्लैट में जहरीली कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस बन गई और यह गैस चैंबर में तब्दील हो गया।
मृतकों की पहचान 50 वर्षीय मंजू और अंशिका और अंकु नामक बेटियों के तौर पर हुई है।
जानकारी
जांच में ये बातें आईं सामने
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, 19 मई को सामान की ऑनलाइन डिलीवरी होने के बाद अंकिता और अंकु ने दरवाजों और खिड़कियों को सील कर दिया था। करीब दो दिनों तक घर में गैस चैंबर में बदलने के लिए दो दिन तैयारी की थी।
जानकारी
सुसाइड नोट से मिली चौंकाने वाली जानकारी
घटना की जांच में जुटी पुलिस को घर की दीवारों पर 10 पेज का सुसाइड नोट मिला है।
दरवाजे के पास लगे पहले पेज पर लिखा, 'बहुत ज्यादा घातक गैस। अंदर कार्बन मोनो-ऑक्साइड है। ये ज्वलनशील है। कृपया खिड़की खोल कर और पंखा चलाकर कमरे को वेंटीलेट करें। माचिस, मोमबत्ती या अन्य कुछ न जलाएं।'
इसे देखते हुए पुलिस ने दमकल विभाग की गाड़ियों को मौके पर बुलाया ताकि किसी अनहोनी घटना को टाला जा सके।
कारण
आर्थिक तंगी और बीमारी आदि को बताया गया कारण
घर से मिले नोट के दूसरे पन्नों पर अंकिता के बुआ के बारे में लिखा हुआ है। इसके अलावा आर्थिक तंगी, बीमारी, समाज से कटने और रिश्तेदारों से दूरी को आत्महत्या के कारण बताए गए हैं।
एक पन्ने पर लिखा हुआ है कि परिवार ने तीन महीने घरेलू सहायिका को हटा दिया था। साथ ही बगल वाले फ्लैट को खाली करवा दिया था ताकि अगर आग लगती है तो पड़ोसियों को नुकसान न हो।
जानकारी
घर का सामान घरेलू सहायिका को देने की इच्छा
मृतक परिवार ने इच्छा जताई है कि उनका सामान घरेलू सहायिका को दे दिया जाए। अगर वो मना कर देती है तो सारी चीजें गरीब लोगों को दान कर दी जाए। परिवार ने 20 मई को दूध वाले को भी मना कर दिया था।
परिवार की आर्थिक हालत काफी खस्ता हो गई थी। घर में खाने का कुछ सामान नहीं था और उधारी बढ़ने के कारण दुकानदार भी उन्हें उधार देने से मना कर चुका था।
जानकारी
मूलत: मैनपुरी का रहने वाला था परिवार
जांच अधिकारियों का कहना है कि यह परिवार मूलत: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का रहने वाला था और 1979 में दिल्ली आकर बस गया था।
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण मंजू के पति उमेश की मौत हो गई थी। पड़ोसियों ने चंदा इकट्ठा कर उमेश का अंतिम संस्कार किया था।
उसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और सभी सदस्य डिप्रेशन में चले गए। काफी समय से मंजू की सेहत भी खराब रह रही थी।
हेल्पलाइन
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
आत्महत्या एक गंभीर समस्या है। अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप नीचे दिये नंबरों पर फोन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं।
आसरा: यह मुंबई स्थित NGO है, जो परेशान और अवसाद से घिरे लोगों की मदद करता है। हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669
स्नेहा इंडिया फाउंडेशन: यह संस्था हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सेवा देती है। हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: हेल्पलाइन नंबर- 18602662345