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ChatGPT से पैदा हो रहीं मुश्किलें, न्यूयॉर्क के बाद अब बेंगलुरु के विश्वविद्यालय में प्रतिबंध
बेंगलुरू के विश्वविद्यालय में ChatGPT पर प्रतिबंध लगाया गया (तस्वीर: twitter/ChatGPTBot)

ChatGPT से पैदा हो रहीं मुश्किलें, न्यूयॉर्क के बाद अब बेंगलुरु के विश्वविद्यालय में प्रतिबंध

लेखन रजनीश
Jan 29, 2023
11:54 am

क्या है खबर?

टेक्नोलॉजी का काम लोगों के काम को आसान बनाना है, लेकिन कुछ लोगों के लिए ये मुश्किल भी पैदा कर देती है। हाल के दिनों में ChatGPT की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, लेकिन शिक्षकों को ये परेशान कर रही है। OpenAI ने यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल तैयार किया है और बेंगलुरु के RV विश्वविद्यालय में इसे प्रतिबंधित करना पड़ गया। इससे पहले हाल ही में न्यूयॉर्क एजुकेशन सिस्टम ने इस पर बैन लगाया था।

टूल्स से काम

बेंगलुरू की विश्वविद्यालय में इसलिए लगाया गया प्रतिबंध

बेंगलुरू के RV विश्वविद्यालय के छात्र परीक्षा, लैब टेस्ट और असाइनमेंट के कार्यों को करने के लिए ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे थे। इसको रोकने के लिए कैंपस के अंदर टूल्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विश्वविद्यालय छात्रों के कार्यों की औचक जांच भी करेगा। यदि शिक्षकों को संदेह होता है कि छात्रों ने खुद से नहीं, बल्कि टूल्स की मदद से कार्य किया है तो उन्हें फिर से स्वयं कार्य करना होगा।

टूल्स पर बैन

गिटहब और ब्लैक बॉक्स जैसे टूल्स पर भी प्रतिबंध

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय ने न केवल ChatGPT पर प्रतिबंध लगाया है, बल्कि AI आधारित गिटहब और ब्लैक बॉक्स जैसे टूल्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिकारी ने बताया, "हमने विश्वविद्यालय में सभी विभागों को एक एडवाइजरी जारी की है और ChatGPT जैसे कुछ AI टूल्स पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि छात्र परीक्षा में अपने असाइनमेंट को पूरा करने के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं।"

न्यूयॉर्क

न्यूयॉर्क में भी लगाया जा चुका है प्रतिबंध

इससे पहले न्यूयॉर्क के पब्लिक स्कूलों में सभी उपकरणों और नेटवर्क पर ChatGPT के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। एक विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि ये निर्णय छात्रों के सीखने की क्षमता पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव और कंटेंट की सुरक्षा और सटीकता की चिंता को देखते हुए लिया गया है। ChatGPT जैसे AI टूल्स के आने से छात्रों में सोचने की क्षमता और क्रिएटिविटी में कमी आ सकती है।

खतरा

कई पेशेवरों के बीच AI का भय

AI टूल्स सिर्फ युवा शिक्षार्थियों के लिए ही खतरनाक नहीं हैं, इसने लेखकों, इंजीनियरों और कोडिंग करने वाले पेशेवरों के बीच भी भय पैदा किया है। दरअसल ChatGPT आसानी से लिख सकता है और जिस कोड को तैयार करने में इंजीनियरों को घंटों लगते हैं, उसे ये पलक झपकते ही कर सकता है। ChatGPT फॉलोअप प्रश्नों का उत्तर दे सकता है और यही उसे बाकी AI टूल्स से अलग करता है।

भविष्य

ChatGPT ने रोजगार के अवसर भी खोले 

इसका इस्तेमाल संवादात्मक AI एप्लिकेशन जैसे चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट बनाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा AI को विशिष्ट कार्यों के लिए भी शिक्षित किया जा सकता है। ये बड़ी मात्रा वाले डाटा के साथ काम कर सकता है। इसकी मदद से किसी भी लेख या पाठ को कई अन्य भाषाओं में सिर्फ कुछ सेकेंड में अनुवाद किया जा सकता है। इसने कई अन्य लोगों के लिए रोजगार के नए असवर भी खोले हैं।