गूगल I/O 2022: इवेंट में दिखी गूगल वॉलेट की झलक, जल्द होगा लॉन्च
गूगल ने एनुअल इवेंट 'गूगल I/O 2022' में अपने गूगल वॉलेट की एक झलक पेश की है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जा सकता है। माना जा रहा है गूगल का ये डिजिटल वॉलेट आपके पर्स को रिप्लेस कर देगा। यह एक ऐप की तरह काम करेगा। इस ऐप को एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स के लिए लॉन्च किया जाएगा। इससे ऑनलॉइन पेमेंट की दुनिया में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है गूगल वॉलेट?
गूगल वॉलेट एक तरह की ऐप होगा, जो आपके फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। यह ऐप आपके पर्स की तरह काम करेगा, जिसमें आप अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस को डिजिटली रूप में रख सकते हैं। हालांकि, गूगल वॉलेट पेमेंट कार्ड स्टोर करेगा, लेकिन इसका इस्तेमाल पेमेंट करने के लिए नहीं किया जाएगा। पेमेंट करने के लिए गूगल पे ही विकल्प होगा। इसके अलावा ऐप में सरकारी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
बिना सत्यापन ऐप का इस्तेमाल कठिन
गूगल का दावा है कि कोई भी शख्स गूगल वॉलेट का आसानी से इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। दरअसल, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड को जोड़ने के लिए खुद को सत्यापित करना होगा और वित्तिय संस्थान से संवाद करना होगा।
ये रहा गूगल का ट्वीट
गूगल वॉलेट में होगी और भी सुविधा
क्रेडिट, डेबिट कार्ड के अलावा गूगल वॉलेट में ट्रांजिट कार्ड, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, फ्लाइट और ट्रेन टिकट की भी सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा ऐप में कार की चाभी को वर्चुअली एक्सेस किया जा सकेगा। जानकारी के लिए बता दें कि गूगल पे के साथ ही डिजिटल वॉलेट का विकल्प दिया जा रहा है, लेकिन कंपनी की तरफ से गूगल वॉलेट नाम से एक ऐप लॉन्च किया जा सकता है। यह ऐप ऑल-इन वन सॉल्यूशन हो सकता है।
सुरक्षा की दृष्टि से कैसा होगा गूगल वॉलेट?
डिजिटल युग में धोखाधड़ी जैसे मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सवाल जरूर उठेगा कि यह वॉलेट पैसे के लेनदेन में कितना सुरक्षित होगा। इस बारे में गूगल कंपनी का कहना है कि गूगल वॉलेट का सारा डेटा एन्क्रिप्टेड रहेगा। ऐसे में इस ऐप को हैक करना आसान नहीं होगा। बता दें कि गूगल की तरफ से कुछ देशों डिजिल वॉलेट में गूगल पे को इनबिल्ट किया जा सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (इंफो)
आजतक की खबर के मुताबिक, 2020-21 में हर दिन औसतन 229 तो 2019-20 में हर दिन औसतन 231 मामले धोखाधड़ी के हुए। 2019-20 में 1.85 लाख करोड़ रुपये की ठगी हुई थी जिसमें सिर्फ 8.7% ही रिकवर हो सके थे।