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नासा ने आकाशगंगा में 2 ब्लैक होल द्वारा गैस बादल में बदलाव का पता लगाया
नासा ने पकड़ा गैस के बादल को प्रभावित करने वाले संकेत (तस्वीर: नासा)

नासा ने आकाशगंगा में 2 ब्लैक होल द्वारा गैस बादल में बदलाव का पता लगाया

Nov 14, 2024
07:38 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष एजेंसी नासा की नील गेहरल्स स्विफ्ट वेधशाला ने पहली बार एक आकाशगंगा के बीच में मौजूद गैस के बादल को प्रभावित करने वाले 2 बड़े ब्लैक होल का संकेत पकड़ा है। मिलेनियम इंस्टीट्यूट की वैज्ञानिक लोरेना हर्नांडेज-गार्सिया और उनकी टीम ने AT 2021hdr नामक घटना देखी, जो हर कुछ महीनों में होती है। इसमें ब्लैक होल गैस के बादल के संपर्क में आते हैं और उसकी रोशनी में बदलाव करते हैं।

 दूरी 

इतनी दूरी पर हैं ये ब्लैक होल

आकाशगंगा 2MASX J21240027+3409114 में स्थित जुड़वां ब्लैक होल, जो पृथ्वी से लगभग 1 अरब प्रकाश वर्ष दूर हैं, करीब 26 अरब किलोमीटर की दूरी पर एक-दूसरे का चक्कर लगा रहे हैं। इनका संयुक्त द्रव्यमान लगभग 4 करोड़ सूर्यों के बराबर है और हर 130 दिनों में ये कक्षा पूरी करते हैं। मार्च, 2021 में पालोमर वेधशाला के ZTF ने इसे पहली बार देखा था। शुरू में इसे सुपरनोवा समझा गया, लेकिन बाद के आवर्ती विस्फोटों ने ब्लैक होल गतिविधि बताया।

प्रकाश

इस तरह होता है प्रकाश में उतार चढ़ाव

स्विफ्ट द्वारा लिए गए पराबैंगनी और एक्स-रे डाटा ZTF द्वारा देखे गए ऑप्टिकल संकेतों से मेल खाते थे, जिससे वैज्ञानिकों को इस घटना को समझने में मदद मिली। शुरुआत में इसे गैलेक्टिक केंद्र गतिविधि माना गया था, लेकिन बाद में इसे गैस का बादल माना गया, जिसे ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण बल ने खींचकर गर्म कर दिया। इस गैस का बादल जुड़वां ब्लैक होल के चक्कर लगाने के दौरान रुक-रुक कर बाहर निकलता है, जिससे प्रकाश में उतार-चढ़ाव होता है।

फायदा

क्या होगा इस खोज का फायदा?

हर्नांडेज-गार्सिया की टीम AT 2021hdr और उसकी आकाशगंगा का और अध्ययन करेगी, जो एक पास की आकाशगंगा के साथ मिल रही है। स्विफ्ट मिशन के प्रमुख एस. ब्रैडली सेन्को ने बताया कि यह मिशन ब्रह्मांड के बारे में समझने में बहुत मदद कर रहा है। स्विफ्ट मिशन नासा के गोडार्ड स्पेस सेंटर द्वारा चलाया जाता है और इसमें कई प्रमुख संस्थाओं का सहयोग है। यह मिशन ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के लिए एक वैश्विक प्रयास है।