
अंतरिक्ष में भेजे गए स्पेस-X के 20 नए स्टारलिंक सैटेलाइट्स, जानें कैसे करते हैं काम
क्या है खबर?
स्पेस-X ने आज (14 नवंबर) 20 नए स्टारलिंक सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं।
ये सैटेलाइट्स कैलिफोर्निया के वेंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए भेजे गए। इस बैच में 13 डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट्स भी हैं, जो यूजर्स को सीधे फोन पर इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करेंगे।
अब तक स्पेस-X 7,000 से भी अधिक स्टारलिंक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेज चुकी है। इन सैटेलाइट्स से स्पेस-X की इंटरनेट सेवा में सुधार होगा और अधिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मिलेगी।
काम
कैसे काम करता है स्टारलिंक?
स्टारलिंक कंपनी ग्राहकों को एक किट प्रदान करती है, जिसमें एक डिश और वाई-फाई राउटर होता है। डिश सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करती है और राउटर के जरिए इंटरनेट सेवा देती है।
पहाड़ी या जंगल वाले क्षेत्रों में मोबाइल टावर या ब्रॉडबैंड केबल लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में सैटेलाइट इंटरनेट सहायक होता है, क्योंकि इसमें टावर या केबल की आवश्यकता नहीं होती, और इससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट उपलब्ध हो सकता है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें लॉन्च के समय की तस्वीरें
Falcon 9 delivers 20 @Starlink satellites to orbit from California pic.twitter.com/1ikTSM7bp8
— SpaceX (@SpaceX) November 14, 2024
सेवा
स्पेस-X भारत में शुरू करना चाहती है सेवा
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के करीब है। कंपनी ने GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
भारतीय सरकारी नियमों का पालन करने की कंपनी ने सहमति भी जताई है, जिसमें डाटा को भारत में स्टोर करना और सुरक्षा के लिए सरकार को एक्सेस देना शामिल है।
रिलायंस जियो और एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां सैटेलाइट इंटरनेट से चिंतित हैं और उनका कहना है कि इसे स्पेक्ट्रम नीलामी के जरिए खरीदा जाना चाहिए।