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अंतरिक्ष में मनुष्य के शरीर पर क्या पड़ता है असर? नासा ने दी यह जानकारी 
अंतरिक्ष में मनुष्य के शरीर पर गहरा असर पड़ता है (तस्वीर: नासा)

अंतरिक्ष में मनुष्य के शरीर पर क्या पड़ता है असर? नासा ने दी यह जानकारी 

Jul 02, 2025
04:41 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में हमेशा ऐसे माहौल से जूझना पड़ता है, जहां न गुरुत्वाकर्षण होता है, और न दिन-रात का तय क्रम होता है। ऐसे माहौल में रहना शरीर और दिमाग दोनों के लिए चुनौती होता है। नासा पिछले 50 सालों से इस पर शोध कर रही है कि अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे सुरक्षित रखा जाए और कैसे उन्हें लंबे मिशनों के लिए तैयार किया जाए। आइए जानते हैं अंतरिक्ष में मनुष्य के शरीर पर क्या असर पड़ता है।

नुकसान

अंतरिक्ष में शरीर को क्या-क्या नुकसान होता है?

नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में मनुष्यों को 5 बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें रेडिएशन, आइसोलेशन, दूरी, गुरुत्वाकर्षण परिवर्तन और बंद वातावरण शामिल है। रेडिएशन से कैंसर या हृदय रोग हो सकता है, जबकि अकेलापन मानसिक तनाव पैदा करता है। गुरुत्वाकर्षण की कमी मांसपेशियों और हड्डियों को कमजोर बना देती है। अंतरिक्ष यात्री इन हालात में कैसे जी पाते हैं, यह समझने के लिए नासा कई वर्षों से शोध कर रही है।

समस्या 

अंतरिक्ष में मानसिक तनाव और दूरी की समस्या 

अंतरिक्ष में महीनों तक सीमित जगह में रहना आसान नहीं होता, क्योंकि इससे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। नासा ने LED लाइटिंग, वर्चुअल रियलिटी और व्यायाम के जरिए तनाव कम करने के उपाय अपनाए हैं। मंगल ग्रह जैसे मिशन पर, पृथ्वी से संपर्क में भी समय लगता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्रियों को हर स्थिति का खुद समाधान करना पड़ता है। इसके लिए नासा उन्हें स्मार्ट मेडिकल सिस्टम और जरूरी उपकरणों से लैस करता है।

असर 

गुरुत्वाकर्षण की कमी से शरीर पर असर 

गुरुत्वाकर्षण की कमी से शरीर पर गहरा असर पड़ता है। हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। आंखों पर दबाव बढ़ जाता है और शरीर का संतुलन भी बिगड़ सकता है। नासा ने विशेष व्यायाम, दवाएं और स्कैनिंग तकनीकों की मदद से इन जोखिमों को कम करने की कोशिश की है। अंतरिक्ष यात्री के शरीर की हर गतिविधि की जांच होती है, ताकि मिशन के दौरान उनका स्वास्थ्य ठीक रहे और वे जिम्मेदारी से काम कर सकें।

भविष्य

भविष्य की तैयारी और सुरक्षित मिशन 

नासा के शोधों से मिली जानकारी चंद्रमा और मंगल पर भविष्य के मिशनों के लिए रास्ता तैयार कर रही है। एजेंसी आर्टेमिस मिशन के तहत चंद्रमा पर नई जानकारी जुटाएंगी, जिससे इंसानों को लंबे समय तक अंतरिक्ष में सुरक्षित रखा जा सकेगा। नए उपकरण, खास लाइटिंग और स्वस्थ वातावरण के जरिए नासा अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत और मनोबल को बनाए रखने में जुटी है। अब हर मिशन का केंद्र बिंदु सुरक्षा, सेहत और आत्मविश्वास है।