गूगल बार्ड और ChatGPT से जुड़ी कौन-सी चिंताएं हैं? जिससे इन पर लग रहा बैन
यूरोपीय संघ (EU) के शीर्ष डाटा निगरानी आयोग के रोक के बाद गूगल को अपने चैटबॉट बार्ड का रोलआउट टालना पड़ा। बीते कुछ महीनों में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नियमन को लेकर विभिन्न देश और नियामक संस्थाएं कड़ा रुख अपना रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से डाटा सेफ्टी और प्राइवेसी की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इसके अन्य संभावित खतरों को लेकर भी शोधकर्ता और विशेषज्ञ भी चेतावनी देते रहते हैं। जान लेते हैं इसके खतरे और रोक के कारण।
इटली में लगा था ChatGPT पर बैन
कुछ महीनों पहले की एक रिपोर्ट के मुताबिक, OpenAI के ChatGPT से जुड़ा एक मामला सामने आया था, जिसमें उस पर कई यूजर्स की बातचीत और पेमेंट डिटेल लीक करने का आरोप था। यूजर्स के पर्सनल डाटा के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने और उन्हें इकट्ठा करने को लेकर इटली में ChatGPT पर बैन भी लगाया गया था। ChatGPT पर यूजर्स के डाटा के जरिए अपने AI मॉडल को ट्रेनिंग देने का भी आरोप लगा था।
ये हैं संभावित खतरे
बार्ड और ChatGPT जैसे AI मॉडल पर यूजर्स के सवालों का गलत तरीके से जवाब देने के मामले भी सामने आए हैं। इन चैटबॉट पर स्टूडेंट्स के सोचने, समझने और क्रिएटिविटी की क्षमता को भी प्रभावित करने को लेकर भी विशेषज्ञ सवाल उठाते रहे हैं। कई अन्य जानकारों ने इसे समाज के लिए खतरा बताया है। इनके जरिए झूठी तस्वीरें और गलत कांटेक्स्ट वाले कंटेंट जनरेट कर मिसइंफॉर्मेशन फैलाने का डर है।
बार्ड मामले में आयरिश डाटा संरक्षण आयोग ने कही ये बात
बार्ड के मामले में भी आयरिश डाटा संरक्षण आयोग ने कहा कि गूगल ने यह नहीं बताया कि वह EU के डाटा सुरक्षा नियमों का पालन करने की योजना कैसे बना रही है। EU में जनरल डाटा संरक्षण रेगुलेशन (GDPR) के लिए आयरिश डाटा संरक्षण आयोग जिम्मेदार है। GDPR लोगों को इस बात का अधिकार देता है कि उनका डाटा कैसे उपयोग किया जाता है और EU के अंदर आने वाले देशों के भीतर कंपनियां डाटा कैसे ट्रांसफर करती हैं।
विश्वभर में AI नियमन की हो रही है मांग
गूगल के बार्ड पर लगी रोक ने कंपनियों के बीच जनरेटिव AI प्रोडक्ट्स को रोलआउट करने में तेजी को् दिखाया है। यह भी सामने आया कि AI टेक्नोलॉजी को कैसे रेगुलेट किया जाए, इसको लेकर कानून निर्माता भी सजग हैं। बता दें कि AI के नियमन को लेकर विश्वभर में मांग हो रही है। इससे सभी AI कंपनियों के बीच एक-दूसरे से ज्यादा पावरफुल AI मॉडल लॉन्च करने की होड़ में कमी आएगी। कई विशेषज्ञ इसका समर्थन कर चुके हैं।