अंतरिक्ष में अध्ययन के लिए 2025 में ये बड़े मिशन होंगे लॉन्च
2024 अंतरिक्ष के क्षेत्र में अहम साल रहा। इस साल नासा ने यूरोपा क्लिपर मिशन के जरिए बृहस्पति के चंद्रमा 'यूरोपा' का अध्ययन शुरू किया। स्पेस-X ने अपनी स्टारशिप की पहली सफल लैंडिंग की, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण कदम है। अन्य कई देशों ने भी कई नई उपलब्धि हासिल की। अब 2025 में भी अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा और मंगल समेत अन्य के लिए मिशनों की तैयारी कर रही हैं।
स्फीयरएक्स के साथ आकाश का सर्वेक्षण
नासा फरवरी, 2025 में स्फीयरएक्स नामक वेधशाला को लॉन्च करेगी, जो ब्रह्मांड के इतिहास का अध्ययन करेगा। यह मिशन नियर-इंफ्रारेड लाइट में आकाश का सर्वे करेगा, जिससे बहुत ठंडी या दूर वस्तुओं को देखा जा सकेगा। स्फीयरएक्स मिल्की वे में 10 करोड़ से अधिक सितारों और 4.50 करोड़ से अधिक आकाशगंगाओं पर डाटा संग्रह करेगा। खगोलविद इस डाटा का उपयोग आकाशगंगाओं की उत्पत्ति और तारे बनने की प्रक्रिया में पानी और कार्बनिक अणुओं के बारे में अध्ययन करेंगे।
M2/रेसिलिएंस के साथ चंद्रमा की खोज
जापान जनवरी, 2025 में M2/रेसिलिएंस मिशन लॉन्च करेगा, जिसके तरह चंद्रमा पर एक लैंडर और माइक्रो-रोवर भेज जाएगा। यह मिशन चंद्रमा की मिट्टी और पानी का अध्ययन करेगा, ताकि ऑक्सीजन और हाइड्रोजन उत्पन्न किया जा सके। इसके अलावा, यह नई तकनीकों का परीक्षण करेगा, जैसे उन्नत नेविगेशन सिस्टम और स्वायत्त रोवर संचालन। मिशन चंद्र एक्सप्लोरेशन और भविष्य के मंगल मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह जापान के अंतरराष्ट्रीय चंद्र एक्सप्लोरेशन प्रयासों का हिस्सा है।
CLPS के साथ चंद्र सतह की खोज
नासा की कॉमर्सियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल का लक्ष्य कॉमर्सियल लैंडर्स के जरिए चंद्रमा पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेलोड भेजना है। इस साल फरवरी महीने में CLPS ने इंट्यूटिव मशीन के ओडीसियस लैंडर को चंद्रमा पर उतारा, जो अपोलो के बाद पहली अमेरिकी चंद्रमा लैंडिंग थी। अब नासा ने 2025 में एस्ट्रोबोटिक, इंट्यूटिव मशीन और फायरफ्लाई एयरोस्पेस कंपनियों द्वारा कई मिशन भेजने की योजना बनाई है। ये मिशन चंद्र भूविज्ञान और नई तकनीकों का परीक्षण करेंगे।
स्पेस राइडर के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा का अध्ययन
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) 2025 की तीसरी तिमाही में स्पेस राइडर मानवरहित अंतरिक्ष यान की कक्षीय परीक्षण उड़ान करेगी। यह दोबारा उपयोग योग्य अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। इनमें माइक्रोग्रैविटी में पौधों की वृद्धि, पदार्थों का व्यवहार और जैविक प्रक्रियाओं का अध्ययन शामिल है। स्पेस राइडर नई तकनीकों का प्रदर्शन करेगा, जैसे उन्नत दूरसंचार प्रणालियां और रोबोटिक उपकरण, जो भविष्य के चंद्रमा और मंगल ग्रह के लिए मिशनों में बहुत उपयोगी साबित होंगे।
तियानवेन-2 के साथ एक एस्ट्रोयड की जांच
चीन का तियानवेन-2 मिशन मई, 2025 में लॉन्च होगा, जिसका उद्देश्य पृथ्वी के निकट स्थित एस्ट्रोयड 469219 कामोओलेवा से नमूने एकत्र करना और धूमकेतु 311P/PANSTARRS का अध्ययन करना है। यह मिशन प्रारंभिक सौरमंडल के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। कामोओलेवा से नमूने एकत्र करने के लिए अंतरिक्ष यान टच-एंड-गो और एंकर-एंड-अटैच तकनीकों का उपयोग करेगा। धूमकेतु का अध्ययन पृथ्वी पर पानी और कार्बनिक अणुओं की उत्पत्ति को समझने में मदद करेगा।
सौरमंडल फ्लाईबाई मिशन
2025 में कई अंतरिक्ष एजेंसियां रोमांचक डीप-स्पेस फ्लाईबाई मिशन की योजना बना रही हैं। फ्लाईबाई का मतलब है, जब कोई अंतरिक्ष यान ग्रह या चंद्रमा के पास से गुजरता है और उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति का इस्तेमाल अपनी गति बढ़ाने के लिए करता है। इससे अंतरिक्ष यान कम ईंधन में अपनी यात्रा को जारी रख सकता है। कई मिशन 2025 में लॉन्च होंगे, जिनमें ESA और जापान के संयुक्त बेपीकोलंबो मिशन से लेकर नासा के यूरोपा क्लिपर मिशन तक शामिल हैं।
बेपीकोलंबो और यूरोपा क्लिपर मिशन
बेपीकोलंबो मिशन जनवरी, 2025 में शुरू होगा, जो बुध के पास अपनी छठी फ्लाईबाई करेगा। यह फ्लाईबाई बुध की संरचना, वायुमंडल और भूविज्ञान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जिससे हम इस ग्रह के बारे में अधिक जान सकेंगे। नासा का यूरोपा क्लिपर मिशन अक्टूबर, 2024 में लॉन्च हुआ था और मार्च, 2025 में मंगल के पास फ्लाईबाई करेगा। यह पैंतरेबाजी अंतरिक्ष यान को अपनी लंबी यात्रा के लिए आवश्यक गति प्राप्त करने में मदद करेगी।
हेरा और लूसी मिशन
ESA का हेरा मिशन मार्च, 2025 में मंगल के पास से उड़ान भरेगा, जो डिडिमोस बाइनरी एस्ट्रोयड प्रणाली का अध्ययन करेगा। यह मिशन एस्ट्रोयड विक्षेपण तकनीकों पर जानकारी प्रदान करेगा और ग्रह रक्षा रणनीतियों में मदद करेगा। नासा का लूसी मिशन 2025 में बृहस्पति ट्रोजन एस्ट्रोयड का अध्ययन करेगा और 20 अप्रैल, 2025 को 52246 डोनाल्डजोहानसन के पास से उड़ान भरेगा। यह उड़ान इस प्राचीन एस्ट्रोयड की संरचना और सतह की विशेषताओं पर महत्वपूर्ण डाटा प्रदान करेगी।