एक्सिओम-4 मिशन के लिए ISRO के अंतरिक्ष यात्रियों ने पूरा किया शुरुआती प्रशिक्षण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज (29 नवंबर) बताया है कि एक्सिओम-4 मिशन के 2 गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर ने अमेरिका में प्रशिक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह मिशन निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस और अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच सहयोग का हिस्सा है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री अप्रैल, 2025 में स्पेस-X के अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरिक्ष में रवाना होंगे।
अगस्त में शुरू हुआ था प्रशिक्षण
अगस्त, 2024 में शुरू हुए अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में उन्हें अंतरिक्ष यात्रा की जटिलताओं के लिए तैयार किया गया। इसमें मिशन सुविधाओं का परिचय, लॉन्च प्रक्रियाओं का अध्ययन और क्रू ड्रैगन यान का अभ्यास शामिल था। सुरक्षा और अस्तित्व पर जोर देते हुए, शून्य गुरुत्व में आपात स्थितियों का अभ्यास हुआ। अंतरिक्ष भोजन चुनने और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर जीवन को समझने का भी प्रशिक्षण मिला। शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष में हर जानकारी का महत्व होता है।
अब होगा उन्नत प्रशिक्षण
आधारभूत प्रशिक्षण के बाद शुक्ला और नायर अब उन्नत प्रशिक्षण के लिए तैयार हैं। वे ISS के माइक्रोग्रैविटी में प्रयोग, क्रू ड्रैगन पर अभ्यास और एक्सिओम-4 मिशन के उद्देश्यों पर काम करेंगे। उनका प्रशिक्षण जीवन-सहायक प्रणालियों, जटिल प्रयोगों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित होगा। एक्सिओम-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है, जो ISRO और नासा के सहयोग से गगनयान जैसी परियोजनाओं के लिए राह बनाएगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान मजबूत करेगा।
इस मिशन के तहत क्या करेंगे अंतरिक्ष यात्री?
एक्सिओम-4 मिशन में अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक ISS पर रहेंगे। वहां वे माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जीवन-सहायक उपकरण चलाना सीखेंगे और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर काम करेंगे। क्रू ड्रैगन यान पर विभिन्न स्थितियों का अभ्यास भी करेंगे। मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में जीवन की चुनौतियों को समझना और उन्हें संभालने का अनुभव हासिल करना है। यह अनुभव भविष्य के मिशनों, खासकर भारत की गगनयान मिशन जैसी परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।