
प्रोबा-3 मिशन आज लॉन्च करेगा ISRO, यहां जानिए इससे जुड़ी खास बातें
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज (4 दिसंबर) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 मिशन को लॉन्च करेगा।
इस मिशन को आज शाम आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ISRO के पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की मदद से लॉन्च किया जाएगा।
ESA प्रोबा-3 मिशन ISRO की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के सहयोग से हो रहा है। आइए जानते हैं इस मिशन से जुड़े प्रमुख तथ्य क्या हैं।
मिशन
यह PSLV का होगा 61वां मिशन
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ISRO का PSLV रॉकेट प्रोबा-3 मिशन के लिए आज शाम 04:08 बजे लॉन्च होगा।
यह PSLV का 61वां मिशन और PSLV-XL का 26वां मिशन है। इस मिशन में 550 किलोग्राम वजन वाले प्रोबा-3 सैटेलाइट्स को उच्च पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा।
PSLV-XL रॉकेट 44.5 मीटर लंबा है और लगभग 18 मिनट में सैटेलाइट्स को सही कक्षा में स्थापित करेगा। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।
सैटेलाइट्स
मिशन में शामिल होंगे 2 सैटेलाइट्स
प्रोबा-3 मिशन में 2 सैटेलाइट्स कोरोनाग्राफ और ऑकुल्टर 150 मीटर की दूरी पर उड़ान भरेंगे।
ऑकुल्टर, कोरोनाग्राफ का उपयोग करके सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) का अध्ययन करेगा। ऑकुल्टर का वजन 240 किलोग्राम और कोरोनाग्राफ का 310 किलोग्राम है। ये सैटेलाइट्स 19.7 घंटे में पृथ्वी की कक्षा पूरी करेंगे।
मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना का अध्ययन करना और सटीक उड़ान तकनीक दिखाना है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
अन्य
सौर प्रक्रियाओं को समझना होगा आसान
प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान सूर्य के कोरोना का सटीक अध्ययन करेगा, जिससे हम सूर्य के बाहरी वायुमंडल के बारे में नई जानकारी प्राप्त करेंगे।
यह अध्ययन केवल सूर्य ग्रहण के दौरान संभव होता है। सूर्य के कोरोना के कारण अंतरिक्ष मौसम की घटनाएं सैटेलाइट कम्युनिकेशन, GPS और पावर ग्रिड को प्रभावित कर सकती हैं।
प्रोबा-3 मिशन हमें सौर प्रक्रियाओं और अंतरिक्ष मौसम के बारे में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी देगा। ISRO पहले प्रोबा-1 (2001) और प्रोबा-2 (2009) लॉन्च कर चुका है।