देश में आईफोन बना सकता है टाटा समूह, फैक्ट्री खरीदने के लिए चल रही बातचीत
अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही आप भारत में टाटा समूह के बनाए आईफोन का इस्तेमाल कर रहे होंगे। दरअसल, टाटा समूह विस्ट्रॉन लिमिटेड से उसकी फैक्ट्री खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। विस्ट्रॉन भारत में ऐपल के तीन शीर्ष वेंडरों में से एक है। बताया जा रहा है कि टाटा ने इस फैक्ट्री के लिए 4,000-5,000 करोड़ रुपये की पेशकश की है। सौदा होने पर टाटा आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन जाएगी।
कर्नाटक में है फैक्ट्री
टाटा समूह ने विस्ट्रॉन के कर्नाटक के कोलार स्थित निर्माण संयंत्र खरीदने के लिए बातचीत शुरू की है। सितंबर में खबर आई थी कि दोनों कंपनियां एक ज्वाइंट वेंचर स्थापित करने के लिए बातचीत कर रही है। तब तक कहा था कि टाटा या तो विस्ट्रॉन का भारतीय व्यवसाय खरीद लेगी या कंपनी एक नया संयंत्र लगाएगी। अब संकेत मिल रहे हैं कि टाटा समूह पहले पेशकश के साथ आगे बढ़ रहा है।
थोड़ी हिस्सेदारी अपने पास रखेगी विस्ट्रॉन
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, अगर यह डील सिरे चढ़ती है तो संचालन टाटा समूह के हाथ में आ जाएगा, लेकिन विस्ट्रॉन के पास भी थोड़ी हिस्सेदारी बची रहेगी। टाटा समूह प्रोडक्ट डेवलेपमेंट, सप्लाई चेन और असेंबली के मामले में विस्ट्रॉन की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए कारोबार का विस्तार करेगा। इसके साथ ही टाटा समूह इलेक्ट्रॉनिक्स और हाई-टेक निर्माण में अपनी जगह मजबूत कर सकेगा। इसके लिए कंपनी लंबे समय से प्रयास कर रही है।
टाटा समूह ने 2020 में शुरू की थी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी
इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए टाटा समूह ने 2020 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की थी। इसे बड़े मोबाइल और उपकरण निर्माता बनने के उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था। अभी कंपनी आईफोन के लिए उपकरण बनाती है, लेकिन अगर वह विस्ट्रॉन का अधिग्रहण कर लेती है तो उसके लिए यह बड़ी कामयाबी होगी। यह कंपनी की पहचान को एक नये स्तर पर पहुंचा देगा।
विस्ट्रॉन के लिए राहत भरा हो सकता है सौदा
दूसरी तरफ विस्ट्रॉन के लिए भी यह सौदा बड़ी राहत लेकर आएगा। कंपनी भारत में अपना संचालन करने के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में अगर उसे एक मजबूत घरेलू साझेदार का साथ मिलता है तो यह उसके लिए फायदे का सौदा होगा।
स्मार्टफोन मार्केट में प्रवेश की तैयारी में टाटा समूह
सुई से लेकर जहाज तक बनाने वाले टाटा समूह के लिए स्मार्टफोन मार्केट ऐसी है, जहां उसने प्रवेश नहीं किया है। अब अगर कंपनी आईफोन निर्माण में अपने कदम रखती है तो यह कंपनी और देश के लिए बड़ी बात होगी। चीन में महामारी के कारण लागू पाबंदियों और भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत के लिए यह बड़ा मौका है। ऐसे समय में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में अपनी जगह मजबूत कर कई वैश्विक कंपनियों को आकर्षित कर सकता है।