कैबिनेट ने अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए 1,000 करोड़ रुपये के बजट को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज (24 अक्टूबर) अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रही स्टार्टअप के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह बजट अंतरिक्ष विभाग (DOS) के तहत एक ऐसी सरकारी एजेंसी IN-SPACe के जरिए इस्तेमाल किया जाएगा, जो सभी कामों के लिए एक ही जगह पर मदद करती है। बता दें कि IN-SPACe एक सरकारी एजेंसी है, जो भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को सहयोग और अनुमतियां देती है।
5 साल चलेगा यह फंड
गुरुवार को कैबिनेट ने कहा कि यह फंड शुरू होने की तारीख से 5 साल तक चलेगा और वित्त वर्ष 26 से शुरू होगा। हर साल निवेश के अवसरों के अनुसार 150-250 करोड़ रुपये का औसत निवेश होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 26 के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। जबकि वित्त वर्ष 27 से 29 तक हर साल 250 करोड़ रुपये का निवेश होगा। वित्त वर्ष 30 के लिए अनुमानित निवेश 100 करोड़ रुपये है।
इतना मिलेगा स्टार्टअप को फंड
मंत्रिमंडल के बयान में कहा गया कि हर स्टार्टअप को मिलने वाला औसत फंड 10-60 करोड़ रुपये के बीच होगा। यह राशि स्टार्टअप के विकास चरण और उसके प्रभाव पर निर्भर करेगी। विकास के शुरुआती चरण के स्टार्टअप को 10-30 करोड़ रुपये मिलेंगे, जबकि अंतिम चरण के लिए 30-60 करोड़ रुपये का फंड मिलेगा। यह फंड अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप को समर्थन देगा, जिससे रोजगार बढ़ेगा और व्यवसायों को विकसित करने और अपने कामकाजी कर्मचारियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हजारों नौकरियां होंगी पैदा
कैबिनेट कि तरफ से यह भी कहा गया है कि हर निवेश से इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर विकास, डाटा विश्लेषण, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों सीधे रोजगार मिलेंगे, जबकि आपूर्ति श्रृंखलाओं और पेशेवर सेवाओं में हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। सरकार ने 2020 में IN-SPACe की स्थापना की थी ताकि अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिल सके। IN-SPACe ने 1,000 करोड़ रुपये के फंड का प्रस्ताव रखा, जिसका लक्ष्य भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को समर्थन देना है।
फंड का मूल्य बढ़ाने का है लक्ष्य
इस फंड का मूल्य वर्तमान में 8.4 अरब डॉलर (लगभग 706 अरब रुपये) है और इसे 2033 तक 44 अरब डॉलर (लगभग 3,699 अरब रुपये) तक बढ़ाने का लक्ष्य है। कैबिनेट ने कहा कि लगभग 250 अंतरिक्ष स्टार्टअप उभर रहे हैं, इसलिए समय पर वित्तीय सहायता उनके विकास के लिए आवश्यक है। फंड SEBI नियमों के तहत वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में काम करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल जुलाई में इस फंड की घोषणा की थी।