अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं सुनीता विलियम्स, उनके सेहत पर पड़ सकता है ये बुरा प्रभाव
बोइंग स्टारलाइनर मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में गई नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी बुच विल्मोर के साथ 52 दिनों से अधिक समय से फंसी हुई हैं। अपने मिशन को पूरा करके 14 जून को ही उन्हें पृथ्वी पर वापस आना था, लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी के कारण वह अंतरिक्ष में ही फंस गई हैं। ज्यादा दिन अंतरिक्ष में रहने से दोनों यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
स्वास्थ्य पर पड़ सकता है यह बुरा असर
माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव: माइक्रोग्रैविटी के संपर्क में लंबे समय तक रहने से अंतरिक्ष यात्री के चेहरे पर सूजन आ जाती है और पैरों में द्रव की मात्रा कम हो जाती है, जो पृथ्वी पर लौटने पर हृदय संबंधी कार्य और रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है। दृष्टिदोष: लंबे समय तक अंतरिक्ष अभियानों में शामिल होने से दृश्य हानि हो सकती है, जैसे हाइपरोपिक शिफ्ट और ऑप्टिक डिस्क एडिमा। ये मुद्दे मस्तिष्क और आंखों में इंट्राक्रैनील दबाव से जुड़े हुए हैं।
कैंसर का है खतरा
मूत्र प्रणाली पर प्रभाव: मूत्र में कैल्शियम की उच्च सांद्रता के कारण माइक्रोग्रैविटी में द्रव परिवर्तन और परिवर्तित चयापचय से गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ सकता है। मस्कुलोस्केलेटल परिवर्तन: गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप अंतरिक्ष यात्रियों को ऑस्टियोपोरोसिस के समान मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व में तेजी से कमी का अनुभव होता है। विकिरण जोखिम: पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में उच्च विकिरण स्तर होता, जिससे DNA क्षति और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।