50 दिनों से अंतरिक्ष में फंसी हैं सुनीता विलियम्स, उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा ये प्रभाव
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 50 दिन से अधिक समय से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं। उनकी मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व में कमी आनी शुरू हो गई है। माइक्रोग्रैविटी, प्रतिबंधित अंतरिक्ष स्टेशन क्वार्टर, अलगाव और विकिरण जोखिम जैसे कारक सुनीता के स्वास्थ्य के लिए कई परेशानियां पैदा कर रहे हैं। सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर का अंतरिक्ष में अधिक समय तक रुकना उनके स्वास्थ्य के लिए ये जोखिम पैदा कर सकता है।
अंतरिक्ष यान में हीलियम रिसाव के कारण अंतरिक्ष में फंसी हैं सुनीता
सुनीता वर्तमान में बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के पायलट के रूप में कार्यरत हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में उनका तीसरा मिशन है, जो 9 दिनों तक चलने वाला था। 25 मई, 2024 को लॉन्च किए गए अंतरिक्ष यान को एक हीलियम रिसाव का सामना करना पड़ा, जिससे इसकी वापसी यात्रा में देरी हुई। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का दावा है कि सुनीता 18 अगस्त तक धरती पर वापस आ जाएंगी।
अंतरिक्ष में हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों को नुकसान होने के कारण
माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम पर भी पड़ता है। मांसपेशियों की मजबूती के लिए गुरुत्वाकर्षण की जरूरत होती है, लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों को तेजी से मांसपेशियों के सिकुड़ने का अनुभव होता है, खासकर पैरों और पीठ में। ऐसे में रीढ़ और शरीर के निचले हिस्से जैसी वजन उठाने वाली हड्डियों में मांसपेशियों को नुकसान होने लगता है। ऑस्टियोपोरोसिस की तरह यांत्रिक तनाव की कमी के कारण भी हड्डियों के घनत्व में भी कमी आती है।
अंतरिक्ष में मांसपेशियों के नुकसान से कैसे बचें?
विशेष उपकरणों के साथ उचित एक्सरसाइज रूटीन का पालन करने से माइक्रोग्रैविटी में हड्डियों के घनत्व और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिल सकती है। विटामिन-D, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध डाइट लेने से भी अंतरिक्ष में हड्डियों की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। कम सौर गतिविधि अवधि के दौरान स्पेसवॉक करना चाहिए और विकिरण जोखिम को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान परिरक्षण का उपयोग करना चाहिए।
अंतरिक्ष में सुनीता को करना पड़ रहा होगा इन समस्याओं का सामना
गुरुत्वाकर्षण के निरंतर खिंचाव के बिना, तरल पदार्थ शरीर के ऊपरी हिस्सों में जाने लगते हैं। इससे चेहरे पर सूजन आ जाती है, नाक बंद हो जाती है और पैरों में तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है। मूत्र में कैल्शियम का उच्च स्तर किडनी की पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है। अंतरिक्ष विकिरणों के संपर्क में आने से अंतरिक्ष यात्रियों को DNA क्षति और कैंसर जैसे स्वास्थ्य जोखिमों का भी खतरा हो सकता है।