सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर किया 3D प्रिंटर को लेकर यह परीक्षण
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में मौजूद नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी यात्रियों के साथ मिलकर लगातार नए परीक्षण कर रही हैं। नासा ने एक ब्लॉग पोस्ट में जानकारी दी है कि ISS के सदस्यों ने बीते दिन (21 अगस्त) 3D प्रिंटर को कॉन्फिगर किया है और स्टेम कोशिका दवा की खोज की है। इस खोज से ISS के साझेदारों को आत्मनिर्भर मिशन की योजना बनाने में मदद मिलेगी।
3D प्रिंटर क्यों किया गया कॉन्फिगर?
एक्सपीडिशन 71 की नासा अंतरिक्ष यात्री जीनेट एप्स और बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट के लिए पायलट विलियम्स ने बुधवार को कोलंबस प्रयोगशाला मॉड्यूल में एक-दूसरे से जुड़कर मेटल 3D प्रिंटर को कॉन्फिगर किया। शोधकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि मेटल 3D प्रिंटर भारहीनता और विकिरण की सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में कैसे काम करता है। वह यह अभी जांच कर रहे हैं कि मिशन के दौरान मांग पर उपकरण और भागों का निर्माण करने की इसकी क्षमता कैसी होगी।
स्टेम सेल निर्माण को लेकर किया जा रहा परीक्षण
नासा के फ्लाइट इंजीनियर माइक बैरेट ने पता लगाया कि कैसे स्टेम कोशिका माइक्रोग्रैविटी में बढ़ते हैं, ताकि पृथ्वी पर कोशिका थेरेपी और अंतरिक्ष में कोशिका निर्माण में सुधार हो सके। वैज्ञानिक अंतरिक्ष में स्टेम कोशिकाओं के उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं जिन्हें व्यक्तिगत चिकित्सा के लिए मानव कोशिकाओं या ऊतकों में पुनर्जीवित किया जा सकता है। कोशिका में सेलुलर रीप्रोग्रामिंग प्रक्रिया चल रही है और नमूनों को आगे के विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।