नासा की 2 महिला अंतरिक्ष यात्री करेंगी स्पेसवॉक, अब तक का चौथा ऐसा मौका
क्या है खबर?
नासा की 2 महिला अंतरिक्ष यात्री लोरल ओहारा और जैस्मीन मोघबेली आज स्पेसवॉक करेंगी। यह चौथा मौका होगा, जब स्पेसवॉक करने वाली सभी अंतरिक्ष यात्री महिलाएं होंगी।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन(ISS) के बाहर स्पेसवॉक भारतीय समयानुसार शाम 5:35 बजे शुरू होगा और यह लगभग 7 घंटे तक चलेगी।
इससे पहले के सभी महिला स्पेसवॉक वर्ष 2019 और 2020 में नासा की अंतरिक्ष यात्री किस्ट्रीना कोच और जेसिका मीर ने की थी।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्पेसवॉक
महिला अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक के दौरान करेंगी ये काम
स्पेसवॉक के दौरान ओहारा और मोघबेली रेडियो कम्युनिकेशन गियर हटाएंगी।
वे कम्युनिकेशन एंटीना सिस्टम के एक कंपोनेट रेडियो फ्रीक्वेंसी ग्रुप नामक एक इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स को हटाने का काम करेंगी।
साथ ही ये उस हार्डवेयर को भी बदलेंगी, जो ISS के सोलर अरे को सूर्य की निगरानी में सक्षम बनाता है।
पहले यह स्पेसवॉक 20 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन 9 अक्टूबर को रूस के नौका मॉड्यूल के बैकअप रेडिएटर पर अमोनिया कूलेंट के रिसाव के बाद इसे टाल दिया गया।
कूलेंट
स्पेसवॉक में इस वजह से हुई देरी
25 अक्टूबर को 2 अंतरिक्ष यात्रियों ने कूलेंट रिसाव के स्त्रोत की जांच करने और अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए एक स्पेसवॉक की थी।
उनकी जांच से रिसाव के कारणों को पहचाने और रेडिएटर के फंक्शन की मरम्मत करने में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस को मदद मिलेगी।
नासा और रोस्कोस्मोस के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि ISS पर सवार अंतरिक्ष यात्री खतरे में नहीं हैं क्योंकि नौका का प्राथमिक रेडिएटर सही ढंग से काम कर रहा है।
जानकारी
ऐसे देख पाएंगे स्पेसवॉक की कवरेज
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के जरिए महिला अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेसवॉक को देख सकते हैं। इसकी कवरेज भारतीय समयानुसार शाम 4:00 बजे से शुरू होगी। अंतरिक्ष यात्री ओहारा और मोघबेली का शाम 5:35 बजे ISS से बाहर निकलने का कार्यक्रम है।
स्पेसवॉक
वर्ष 1965 में हुई थी सबसे पहली स्पेसवॉक
अंतरिक्ष में सबसे पहली स्पेसवॉक 18 मार्च, 1965 को सोवियत संघ के वायुसेना पायलट एलेक्सी लियोनोव ने की थी। लियोनोव ने स्पेस के बाहर महज 10 मिनट ही बिताये थे।
आज अंतरिक्ष यात्री ISS के बाहर स्पेसवॉक पर आमतौर पर काम के आधार पर 5 से 8 घंटे के बीच समय बिताते हैं।
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान 7 बार स्पेसवॉक कर चुकी हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्या होती है स्पेसवॉक?
जब अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेसक्राफ्ट से बाहर निकल कर खुले अंतरिक्ष में चहल-कदमी करते हैं तो इसे स्पेसवॉक कहते हैं।
स्पेसवॉक को एक्स्ट्रा-व्हीकल मोबिलिटी यूनिट (EMU) भी कहा जाता है।
एस्ट्रोनॉट्स जब स्पेसवॉक पर जाते हैं तो वे खुद को सुरक्षित रखने के लिए स्पेससूट पहनते हैं, जो भारी तापमान को झेलने में सक्षम होता है।
स्पेससूट के अंदर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन और पीने का पानी होता है।