रूस का वर्ष 2027 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने का लक्ष्य
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस के नए अंतरिक्ष स्टेशन की शुरूआत वर्ष 2027 में हो सकती है। रूसी समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष उद्योग के अधिकारियों के साथ एक बैठक में पुतिन ने कुछ महीनों पहले विफल रहे लूना-25 चांद मिशन के बावजूद चांद मिशन के साथ आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता दिखाई है। पुतिन ने कहा कि 25 वर्ष पुराने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में वर्ष 2028 तक भागीदारी बढ़ाना अस्थायी समाधान था।
स्टेशन के विकास को इसलिए बढ़ाना है जरूरी
शुरुआत में रूसी अंतरिक्ष स्टेशन के सिर्फ एक हिस्से का परिचालन शुरू हो सकता है। हालांकि, पुतिन के हवाले से नए रूसी अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में कहा गया, "ISS जैसे ही रिटायर होता है तो हमें सिर्फ एक हिस्सा नहीं बल्कि पूरे स्टेशन को परिचालन में लाने की जरूरत होगी।" उन्होंने कहा कि स्टेशन के विकास को आगे बढ़ाना होगा नहीं तो मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के मामले में रूस पिछड़ सकता है।
2030 तक समाप्त हो जाएगा ISS
पुतिन ने कहा कि नए स्टेशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सभी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर विचार करना होगा। दरअसल, नए स्टेशन पर ही भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को संभालने की जिम्मेदारी होगी। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने पुतिन के फैसले का समर्थन किया। रूसी एजेंसियों ने बताया कि ISS पुराना हो रहा है और 2030 के आसपास समाप्त हो जाएगा। बता दें, भारत ने भी 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है।
पुतिन को है लूना-25 के दुर्घटनाग्रस्त होने की पूरी जानकारी
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "अगर हम वर्ष 2024 में रूसी अंतरिक्ष स्टेशन बनाना शुरू नहीं करते हैं तो हम अपनी क्षमता खो देंगे।" पुतिन ने यह भी कहा कि उन्हें उन तकनीकी दुर्घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है, जिससे अगस्त में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 अंतरिक्ष यान की क्रैश लैंडिंग हुई थी। उन्होंने कहा कि चांद कार्यक्रम जारी रहेगा और इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है।
लो अर्थ ऑर्बिट में निजी अंतरिक्ष स्टेशनों को स्थापित किए जाने पर जोर
ISS वर्ष 2030 में रिटायर हो जाएगा। इसको लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लो अर्थ ऑर्बिट (पृथ्वी की निचली कक्षा) में भविष्य के निजी अंतरिक्ष स्टेशनों को स्थापित किए जाने पर जोर दे रही है। जापान, कनाडा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) सहित ISS साझेदारों ने इसके रिटायर होने तक इसका समर्थन करने को कहा है। ISS से अलग केवल चीन का ही एक अंतरिक्ष स्टेशन फिलहाल इस्तेमाल में है।