अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की यात्रा के दौरान ISRO के अंतरिक्ष यात्री करेंगे 5 प्रयोग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), नासा और अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अपना अंतरिक्ष यात्री भेजने वाली है। इस मिशन का नाम एक्सिओम-4 मिशन है और इसके तहत ISS पर जाने वाले ISRO के अंतरिक्ष यात्री को गगनयात्री नाम दिया गया है। ISRO के चेयरमैन एस सोमनाथ ने घोषणा की है कि इस मिशन के तहत ISS पर गए यात्री 5 प्रयोग करेंगे, जिनमें से कुछ भारत में विकसित किए गए हैं।
सोमनाथ ने क्या कहा?
सोमनाथ ने एक बातचीत के दौरान कहा, "हम अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रयोग भी करेंगे, जो वर्तमान में चर्चा के अधीन हैं और विकास के चरणों में हैं।" उन्होंने आगे बताया कि जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS जाता है, तो उसका उद्देश्य केवल प्रयोगों तक ही सीमित नहीं होता है, बल्कि प्रक्रिया को सीखने का भी प्रयास करता है। यह मिशन ISRO के गगनयान मिशन के लिए बहुत ही उपयोगी होगा।
गगनयान मिशन के लिए ऐसे होगा उपयोगी
ISRO प्रमुख ने कहा, "ISS के लिए उड़ान भरने वाले गगनयात्री से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि भारत को गगनयान के लिए कैसे तैयारी करनी चाहिए। जब अंतरिक्ष यात्री उड़ान का अनुभव करता है, तो हम सीख सकते हैं कि वे मिशन का संचालन कैसे करते हैं और अंतरिक्ष यान ISS से कैसे जुड़ता है।" उन्होंने आगे कहा, "वहां पहले से ही तैनात एक अंतरराष्ट्रीय चालक दल के साथ काम करने से हमें बहुमूल्य ज्ञान प्राप्त होगा।"
मिशन के लिए इन्हें चुना गया
एक्सिओम-4 मिशन के लिए ISRO ने अपने प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को और बैकअप के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को चुना है। बता दें, एक्सिओम-4 मिशन ISS के लिए एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जिसे अक्टूबर, 2024 में लॉन्च किया जा सकता है। इस मिशन के तहत शुभांशु समेत 4 अंतरिक्ष यात्री ISS पर जाएंगे और वहां 14 दिन रह कर प्रयोग करेंगे।