इलेक्ट्रिक कारें क्यों बना रही हैं स्मार्टफोन्स बनाने वाली कंपनियां?
बीते दिनों एक अनोखा ट्रेंड देखने को मिला है कि स्मार्टफोन्स बनाने वाली बड़ी कंपनियां ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कदम रखने को तैयार हैं। ऐपल, हुवाई और सोनी से लेकर शाओमी तक इलेक्ट्रिक वीइकल्स (EVs) पर काम कर रही हैं और इन्हें जल्द मार्केट में उतार सकती हैं। कई कंपनियां ऐसी कारें बनाना चाहती हैं, जिन्हें चलाने के लिए ड्राइवर की जरूरत नहीं होगी और जो एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ आएंगी। आइए समझते हैं कि ऐसा बदलाव क्यों हो रहा है।
सेल्फ-ड्राइविंग इलेक्ट्रिक वीकइल्स बनाने की कोशिश
मार्केट में मौजूद ज्यादातर कारें अभी शानदार हार्डवेयर और पावरफुल इंजन्स पर आधारित हैं, वहीं EVs के साथ कंपनियां सॉफ्टवेयर आधारित प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहती हैं। एक इलेक्ट्रिक इंजन में केवल 20 मूविंग पार्ट्स होते हैं, इसकी तुलना में इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) या सामान्य पेट्रोल/डीजल इंजन कार में 2,000 से ज्यादा मूविंग पार्ट्स होते हैं। इलेक्ट्रिक वीइकल्स को भविष्य माना जा रहा है और सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन के साथ ये सेल्फ-ड्राइविंग का विकल्प दे सकती हैं।
प्रोजेक्ट टाइटन पर काम कर रही है ऐपल
सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शामिल ऐपल ने अपने कार प्रोजेक्ट को सीक्रेट रखा है, लेकिन इससे जुड़ी रिपोर्ट्स लगातार लीक होती रही हैं। कंपनी एक ऑटोनॉमस ऑटोमोटिव प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसका नाम प्रोजेक्ट टाइटन रखा गया है। ऐपल ने अपना प्रोजेक्ट 2014 में पूर्व फोर्ड इंजीनियर स्टीव जेडस्काई के साथ शुरू किया था, जिसमें बाद कंपनी की टीम में कई बदलाव किए जा चुके हैं। अब केविन लिंच इस प्रोजेक्ट की कमान संभाल रहे हैं।
हुवाई का आइटो M5 इलेक्ट्रिक वीइकल
चाइनीज टेक कंपनी हुवाई ने पिछले साल प्लग इन EV लॉन्च किया है, जिसे SF5 नाम दिया गया है। कंपनी के नए वीइकल का नाम आइटो (Aito) M5 है, जिसे टेस्ला मॉडल Y की टक्कर में उतारा गया है। हुवाई मौजूदा कार निर्माताओं के साथ मिलकर नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है और हार्मनीOS के साथ अपने वीइकल्स की डिलिवरी अगले महीने के आखिर तक शुरू कर सकती है।
जापान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी भी रेस में
जापान की बड़ी कंपनी सोनी जल्द एक नया ब्रैंड सोनी मोबिलिटी के नाम से ला सकती है, जो इलेक्ट्रिक वीइकल्स मार्केट में इसकी एंट्री पक्की कर देगा। सोनी चेयरमैन केनिचीरो योशिडा ने कहा है कि कंपनी इमेजिंग और सेंसिंग, क्लाउड और 5G को एकसाथ लाकर मोबिलिटी सेक्टर में बदलाव करेगी। वे इससे पहले प्रोटोटाइप SUV VISION-S 02 नाम से ला चुके हैं, जो VISION-S 01 का EV प्लेटफॉर्म ही इस्तेमाल करेगी।
2024 तक आएगी शाओमी की इलेक्ट्रिक कार
शाओमी के एयर प्यूरीफायर्स बनाने वाला ब्रैंड स्मार्ट Mi भी ऑटोमोबाइल मार्केट में कदम रखना चाहता है। स्मार्ट Mi को चीन में झीमी (Zhimi) टेक्नोलॉजी के नाम से लोकप्रियता मिली है और यह ढेरों स्मार्ट होम उपकरण और प्रोडक्ट्स बनाता है। स्मार्ट Mi एक स्मार्ट पैसेंजर कार पर भी काम कर रही है लेकिन इसका पहला मॉडल एक SUV हो सकती है। खास बात यह है कि स्मार्ट Mi का नया प्रोजेक्ट मौजूदा शाओमी मोटर्स से पूरी तरह अलग होगा।
अभी टेस्ला है सबसे बड़ी EV कंपनी
इलेक्ट्रॉनिक वीइकल्स मार्केट में एलन मस्क की कंपनी टेस्ला अभी सबसे बड़ा नाम है। टेस्ला के कुछ मॉडल्स में ऑटोपायलट का विकल्प मिलता है। हालांकि, पूरी तरह ऑटोनॉमस कार बनाने में टेस्ला को भी कई साल का वक्त लगेगा। बेशक बहुत जल्द सेल्फ-ड्राइविंग कार सड़कों पर ना उतरे लेकिन इसमें हार्डवेयर से ज्यादा सॉफ्टवेयर मददगार साबित होगा। यही वजह है कि स्मार्टफोन कंपनियां अपने रिसोर्सेज का फायदा उठाते हुए खुद सॉल्यूशंस लाना चाहती हैं।
कारों को नए सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर की जरूरत
मैकिंसी इनसाइट्स के मुताबिक, नई जेनरेशन वाले वीइकल्स खास सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर पर चल रहे हैं, जो पांच या इससे ज्यादा डोमेन्स से तैयार होता है और सैकड़ों फंक्शन कंपोनेंट्स को EVs का हिस्सा बना सकता है। मौजूदा कारों को इस सॉफ्टवेयर की जरूरत है, जो इंफोटेनमेंट और ADAS (एडवांस्ट ड्राइवर असिस्टेंस) से लेकर मैपिंग, टेलिमैटिक्स और थर्ड-पार्टी ऐप्स सपोर्ट जैसे काम कर सके। बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां भी ऐसी टेक्नोलॉजी में निवेश कर रही हैं और सॉफ्टवेयर्स बेहतर कर रही हैं।