भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को मिल रहा प्रोत्साहन, अब तक बिक चुकी हैं 8.77 लाख यूनिट्स
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ रही मांग के बारे में बिजली और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने अपने एक लिखित बयान में लोकसभा को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर, 2021 तक लगभग 8,77,000 इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर थे। गुर्जर ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इनकी कीमतों में कटौती कर लाभ दिए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा खरीदारों को प्रोत्साहित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में बिके हैं सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन
राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि 8 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को बेचा गया। उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 2,58,105 इलेक्ट्रिक वाहन बिक चुके हैं। वहीं, भारत की राजधानी दिल्ली दूसरे नंबर पर है। दिल्ली में अब तक कुल 1,26,111 यूनिट्स की बिक्री की जा चुकी है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर में कर्नाटक है।
दो योजनाओं पर काम करेगी सरकार
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार दो योजनाओं पर काम करेगी। इनमें हाई केमिकल सेल बैटरी के लिए विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना, 50 गीगा वाट घंटे की विनिर्माण क्षमता के साथ भारत में बैटरी स्टोरेज, और पांच साल के लिए 18,100 करोड़ रुपये के लागत की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा गुर्जर ने कहा कि पांच साल के लिए 25,938 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक और योजना भी है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पहले से भी मौजूद है योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए सरकार पहले से दो योजनाओं पर काम कर रही है। इसके तहत केंद्र ने 2015 में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण योजना की शुरुआत की थी और अप्रैल 2019 में इसने 10,000 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ पांच साल के लिए योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की। दूसरी तरफ सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले GST को भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है।
इस वजह से बढ़ी है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी का सबसे मुख्य कारण कुछ समय पहले ही FAME-II स्कीम में किए गए संशोधन को बताया जा रहा है। इसके तहत अब FAME-II योजना 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगी। संशोधन के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी लाभ को 10,000 रुपये प्रति kWh से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh भी कर दिया गया है, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को कीमतों में कटौती के रूप में मिल रहा है।