अमेरिकी कंपनी ने भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा स्पेसक्राफ्ट का नाम
क्या है खबर?
अंतरिक्ष यात्रा में भारत का नाम करने वाली करनाल की बेटी कल्पना चावला को एक और बड़ा सम्मान मिला है।
दरअसल, अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन ने अपने सिग्नस स्पेसक्राफ्ट नाम कल्पना चावला नाम पर 'एसएस कल्पना चावला' रखा है। यह भारत और तमाम भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।
चावला भारतीय मूल की पहली महिला थीं जिसने अंतरिक्ष में कदम रखा था। कंपनी ने उनके सम्मान में यह कदम उठाया है।
घोषणा
कंपनी ने की नाम रखे जाने की आधिकारिक घोषणा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन ने घोषणा करते हुए कहा कि उसके अगले सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम मिशन विशेषज्ञ 'एसएस कल्पना चावला' के नाम पर रखा होगा। वह साल 2003 में स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया में सवार अपने छह साथियों के साथ शहीद हो गई थी।
कंपनी ने ट्वीट किया, 'आज हम कल्पना चावला का सम्मान करते हैं, जिन्होंने NASA में भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास रचा।'
गर्व
यह कदम उठाने पर कंपनी को है गर्व
कंपनी ने आगे कहा, 'नॉर्थरोप ग्रुमैन को गर्व है कि NG-14 सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम पूर्व अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है। यह कंपनी की परंपरा है कि हर सिग्नस का नाम ऐसे शख्स पर रखा जाता है जिन्होंने इंसानों के स्पेस में सफर में अहम भूमिका निभाई हो।
कंपनी ने लिखा, 'चावला को स्पेस में जाने वाली पहली भारतीय महिला के तौर पर इतिहास में नाम दर्ज कराने के लिए यह सम्मान दिया गया है।'
लॉन्च
29 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा यह स्पेसक्राफ्ट
कंपनी ने बताया कि एसएस कल्पना चावला कैप्सूल को एंटेर्स रॉकेट NG-14 मिशन के तहत 29 सितंबर को NASA के वर्जिनिया स्पेस के मिड-अटलांटिक रीजनल स्पेसपोर्ट (MARS) वॉलप आइलैंड से लॉन्च किया जाएगा।
यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष स्टेशन तक 3,629 किलो कार्गो लेकर जाएगा। वहां कार्गो डिलिवर करने के बाद यह स्पेसक्राफ्ट फायर एक्सपेरिमेंट-V (Sapphire V) करेगा।
इससे माइक्रोग्रैविटी में आग लगने के कारणों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद धरती पर वापस आकर पैसिफिक महासागर पर लैंडिंग करेगा।
इतिहास
कल्पना बनी थी चालक दल के रूप अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला
कल्पना चावला 16 जनवरी, 2003 को अमेरिकी अंतिरक्ष यान कोलंबिया के चालक दल के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला बनी थी।
1 फरवरी, 2003 को अंतरिक्ष में 16 दिनों बिताने के बाद वापसी के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय और निर्धारित लैंडिंग से सिर्फ 16 मिनट पहले साउथ अमेरिका में अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस हादसे में कल्पना चावला समेत सभी चालकों की मौत हो गई थी।
परिचय
करनाल में हुआ था कल्पना चावला का जन्म
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। उन्होंने 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक किया था।
उन्होंने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसी तरह 1988 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में Phd की।
उन्होंने 1988 में कैलिफोर्निया में NASA के एम्स रिसर्च सेंटर में शोधकर्ता के तौर पर करियर शुरू किया था।
आवेदन
नागरिकता मिलने के बाद किया था अंतरिक्ष यात्री दल के लिए आवेदन
1993 में चावला ओवरसीज मेथड्स इंक में उपाध्यक्ष और एयरोडाइनामिक में एक शोधकर्ता के रूप में शामिल हो गई।
उन्होंने 1991 में अमेरिकी नागरिकता मिलने के बाद NASA के अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।
1995 में ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर के समूह 15 में एक अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल किया गया था। उन्हें पहली बार 19 नवंबर, 1997 को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला।