हबल टेलीस्कोप के विजन को प्रभावित कर रहे हैं स्टारलिंक सैटेलाइट्स, NASA ने जताई चिंता
क्या है खबर?
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड सेवा स्टारलिंक के 2,500 से ज्यादा सैटेलाइट्स पृथ्वी की कक्षा में मौजूद हैं।
मस्क का दावा है कि इनकी मदद से बेहतरीन सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी, लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA इन सैटेलाइट्स की बढ़ती संख्या को लेकर चिंतित है।
NASA ने बताया है कि स्टारलिंक के सैटेलाइट्स इसके हबल स्पेस टेलिस्कोप के विजन को प्रभावित कर रहे हैं और दूसरी वजहों से भी चिंता बढ़ा सकते हैं।
चिंता
स्पेस-X को मिली है 12,000 सैटेलाइट्स भेजने की अनुमति
स्टारलिंक सैटेलाइट्स भेजने का काम कर रही स्पेस-X के पास 12,000 सैटेलाइट्स भेजने की अनुमति है, यानी कि इसने अभी आधे स्टारलिंक सैटेलाइट्स भी नहीं भेजे हैं।
स्टारलिंक की योजना इन सैटेलाइट्स की मदद से 32 देशों में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी देने की है।
वहीं, बीते दिनों एलन मस्क की कंपनी ने 30,000 सैटेलाइट्स भेजने की परमिशन मांगी है।
NASA तेजी से बढ़ती सैटेलाइट्स की संख्या और अंतरिक्ष पर इनके प्रभाव को लेकर चिंतित है।
लेटर
NASA ने FCC को पत्र लिखकर जताई चिंता
धरती के चारों ओर हजारों सैटेलाइट्स की मौजूदगी को लेकर NASA ने अपनी चिंता फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) के साथ साझा की है।
FCC को भेजे पत्र में NASA ने लिखा, 'तेजी से बढ़ रहे लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट्स के साथ टक्कर का खतरा बढ़ रहा है और वैज्ञानिक या अंतरिक्ष यात्रियों से जुड़े अभियानों पर इसका असर पड़ना तय है।'
सामने आया है कि इस पत्र का मकसद शिकायत करना नहीं, बल्कि NASA की चिंता समझाने की कोशिश करना है।
कोशिश
स्पेस फ्लाइट की सुरक्षा बरकरार रखने की कोशिश
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इस लेटर के साथ अपनी चिंता एजेंसी को बताई है, जिससे जरूरी कदम उठाए जाएं।
NASA ने कहा, "हम चाहते हैं कि स्टारलिंक जेन 2 सिस्टम को अच्छी तरह लागू किया जाए, जिससे यह स्पेस फ्लाइट की सुरक्षा को सपोर्ट करेगा और स्पेस इनवायरमेंट को लंबे वक्त तक टिका रह सके।"
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के नीचे स्टारलिंक के सैटेलाइट्स की संख्या बढ़ना वहां जाने वाले स्पेसक्राफ्ट्स के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
हबल
हबल टेलीस्कोप का विजन हुआ प्रभावित
अंतरिक्ष से महत्वपूर्ण डाटा भेजने वाला हबल टेलीस्कोप धरती से करीब 535 किलोमीटर दूर चक्कर लगा रहा है और एजेंसी की मानें तो स्पेस टेलीस्कोप से ली गईं करीब आठ प्रतिशत तस्वीरें सैटेलाइट्स के चलते प्रभावित हुई हैं।
एजेंसी ने कहा, "स्टारलिंक अगर अपने लाइसेंस के हिसाब से 10,000 सैटेलाइट्स को हबल की ऑर्बिटल रेंज में भेजती है, तो स्थिति ऐसी होगी कि मौजूदा आंकड़े के दोगुने से ज्यादा तस्वीरें इनके चलते प्रभावित होंगी।"
परेशानी
उल्का-पिंडों का पता लगाने में भी परेशानी
NASA धरती की ओर बढ़ रहे उल्का-पिंडों का पता लगाने के लिए धरती पर मौजूद वाइड फील्ड वाले टेलीस्कोप्स इस्तेमाल करती है।
कई बार इन टेलीस्कोप्स से कैप्चर की गईं तस्वीरों में भी सैटेलाइट्स नजर आते हैं।
NASA का कहना है कि बढ़ती संख्या के साथ ये सैटेलाइट्स उल्का पिंडों को ब्लॉक कर सकते हैं या फिर इनका पता लगाने में परेशानी हो सकती है।
किसी बड़े उल्का पिंड का समय पर पता ना चलना खतरनाक हो सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
स्टारलिंक के बारे में ज्यादा जानें
स्टारलिंक स्पेस-X की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो अभी बीटा फेज में है। कंपनी अपनी सेवा के बीटा फेज में 1,000 से ज्यादा सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेज चुकी है।
स्टारलिंक सेवा में यूजर्स को सीधे सैटेलाइट की मदद से इंटरनेट सेवा दी जाती है और ऐसा करने के लिए कंपनी लंबे वक्त से अपने सैटेलाइट्स अंतरिक्ष भेज रही है।
इसकी मदद से उन जगहों पर भी यूजर्स तक इंटरनेट पहुंचेगा, जहां केबल सेवा और सेल्युलर नेटवर्क्स नहीं पहुंच सकते।