स्मार्टवॉच बाजार में गूगल ने मारी बाजी, सैमसंग को तगड़ा झटका
स्मार्टवॉच की मार्केट में ऐपल लंबे समय से टॉप पोजिशन पर बनी हुई है और दूसरे नंबर की लड़ाई जारी है। कुछ समय पहले तक स्मार्टवॉच के मामले में सैमसंग दूसरे नंबर पर होती थी, लेकिन अब इसकी जगह गूगल पिक्सल वॉच ने ले ली है। गूगल की पिक्सल वॉच को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। फिटबिट की शिपमेंट में गिरावट के बाद भी गूगल ने दूसरी पोजिशन हासिल की।
गिरावट के बाद भी मार्केट लीडर बनी रही ऐपल
कैनालिस की रिपोर्ट के अनुसार, वियरेबल्स (पहनी जाने वाली डिवाइस) मार्केट के लिए चौथी तिमाही चुनौतीपूर्ण थी। इस दौरान शिपमेंट में 18 प्रतिशत की गिरावट आई है। स्मार्टवॉच कैटेगरी में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐपल के शिपमेंट में 17 प्रतिशत की गिरावट के बाद भी यह 27.5 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर बनी रही। गूगल पिक्सल वॉच की बात करें तो ये 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान पाने में सफल रही है।
पांचवें स्थान पर पहुंची सैमसंग
स्मार्टवॉच मार्केट में सैमसंग को सबसे ज्यादा गिरावट का सामना करना पड़ा है। 35 प्रतिशत गिरावट के साथ सैमसंग पांचवें स्थान पर खिसक गई। कैनालिस का कहना है कि सैमसंग स्मार्टवॉच में गिरावट का बड़ा कारण वियरOS माइग्रेशन के घटने और गैलेक्सी वॉच 5 सीरीज में बहुत कुछ नया न होना हो सकता है। स्मार्टवॉच बाजार में तीसरे नंबर पर हुआवे रही और चौथे नंबर पर शाओमी का कब्जा रहा। इन दोनों कंपनियों की शिपमेंट में भी गिरावट रही।
2023 में स्मार्टवॉच बाजार के बढ़ने की उम्मीद
वर्ष 2023 में स्मार्टवॉच का मार्केट बढ़ने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन ज्यादा मांग की संभावना नहीं है। कैनालिस एनालिस्ट सिंथिया चेन ने कहा कि वियरेबल बैंड मार्केट के 2023 में मामूली 2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। बैंड में गिरावट जारी रहेगी, लेकिन स्मार्टवॉच की बिक्री बढ़ सकती है। सिंथिया का कहना है कि विक्रेता चौकन्ने रहते हैं और उपभोक्ता खर्च में सुधार को देखते हुए मात्रा की बजाय गुणवत्ता पर जोर देंगे।
दो तरह की होती हैं स्मार्टवॉच
स्मार्टवॉच को खासतौर से दो कैटेगरी में बांटा जाता है। इनमें एक हाई लेवल ऑपरेटिंग सिस्टम (HLOS) कैटेगरी वाली वॉच होती है जो वॉचOS, वियरOS और थर्ड पार्टी ऐप पर चलती हैं। इनमें काफी फीचर्स मिल जाते हैं और जरूरत पड़ने पर नई ऐप्स भी इंस्टाल की जा सकती हैं। दूसरी बेसिक स्मार्टवॉच होती हैं, जो लाइटर ऑपरेटिंग सिस्टम चलाती हैं। ये थर्ड पार्टी ऐप को सपोर्ट नहीं करती हैं और इनके फीचर्स भी सीमित होते हैं।