भारत में बैन हो सकते हैं 12,000 रुपये से सस्ते चाइनीज फोन- रिपोर्ट
भारत सरकार डाटा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते कई बार चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा चुकी है और अब चाइनीज स्मार्टफोन्स पर बैन लगने की बात सामने आ रही है। सामने आया है कि भारत सरकार स्थानीय इंडस्ट्री और मैन्चुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 12,000 रुपये (करीब 150 डॉलर) से कम कीमत वाले स्मार्टफोन्स बैन कर सकती है। ऐसा होता है तो शाओमी और रियलमी जैसे ब्रैंड्स का बड़ा मार्केट प्रभावित होगा।
भारतीय ब्रैंड्स को बढ़ावा देने के लिए बदलाव
सरकार की ओर से यह कदम चाइनीज कंपनियों की बजट सेगमेंट से छुट्टी करने के लिए उठाया गया है, जिसमें भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है। मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बदलाव के साथ भारतीय स्मार्टफोन ब्रैंड्स को बढ़ावा मिलेगा। अभी बजट सेगमेंट में रियलमी और शाओमी जैसे हाई-वॉल्यूम ब्रैंड्स के पास सबसे ज्यादा शेयर है और स्थानीय कंपनियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
इन चाइनीज कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान
भारत के एंट्री-लेवल मार्केट से प्रतिबंधित किए जाने का सबसे ज्यादा असर शाओमी और दूसरी चाइनीज कंपनियों पर पड़ेगा, जिन्हें कोविड-19 लॉकडाउन के बाद हाल के दिनों में भारत में बढ़त देखने को मिली है। सेल्स वॉल्यूम की बात करें तो 150 डॉलर से कम कीमत वाले स्मार्टफोन्स की भारत में एक तिहाई बिक्री होती है। मार्केट ट्रैकर काउंटरपॉइंट की मानें तो इस सेगमेंट में 80 प्रतिशत तक शिपमेंट चाइनीज मार्केट से होता है।
ऐसा हुआ तो बढ़ सकती हैं शाओमी की चिंताएं
बीते दिनों शाओमी को हांगकांग में ट्रेडिंग के आखिरी मिनट में नुकसान उठाना पड़ा है, जहां इस साल 35 प्रतिशत से ज्यादा शेयर से यह 3.6 प्रतिशत खिसक गई है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि भारत सरकार चाइनीज कंपनियों के भारत में बिजनेस से जुड़े नए नियम लाएगी या नहीं। अगर भारत में ऐसा होता है तो यह शाओमी के लिए चिंताएं बढ़ाने से जुड़ी घोषणा हो सकती है।
विवादों में आ चुकी हैं चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां
बीते दिनों भारत में बिजनेस कर रहीं कई चाइनीज कंपनियां विवादों और सरकार के घेरे में आ चुकी हैं। शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसे ब्रैंड्स पर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लग चुके हैं। सरकार ने इससे पहले हुवाई और ZTE के टेलिकॉम उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। आप जानते होंगे, इन ब्रैंड्स पर गलत तरह से प्रतिस्पर्धा करने और ऑफलाइन मार्केट को नुकसान पहुंचाने के आरोप भी लगे हैं।
सैमसंग, वनप्लस और ऐपल नहीं होंगी प्रभावित
सैमसंग, ऐपल और वनप्लस जैसी कंपनियों पर इस बैन का कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इनका मुख्य फोकस प्रीमियम और मिडरेंज सेगमेंट पर होता है। साउथ कोरियन टेक कंपनी सैमसंग बीते दिनों खुद ही सस्ते फीचर फोन्स का प्रोडक्शन बंद करने से जुड़े संकेत दे चुकी है। बजट सेगमेंट में लावा और माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियों के चुनिंदा डिवाइसेज मार्केट में मौजूद हैं। हालांकि, इनके लिए भी कंपोनेंट्स का आयात चीन से किया जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत सरकार बीते कुछ साल से भारत में स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे रही है। साथ ही कंपोनेंट्स से ड्यूटी भी कम की गई है, जिससे विदेशी कंपनियां भी भारत में प्रोडक्शन शुरू करें।