मोबाइल और वाई-फाई सिग्नल से चार्ज होंगे डिवाइसेज, ओप्पो लाई फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी
क्या है खबर?
चाइनीज टेक कंपनी ओप्पो इनोवेशंस के मामले में पीछे नहीं रहती और इसका असर कंपनी के स्मार्टफोन्स में दिखता है।
पिछले कुछ साल में सॉफ्टवेयर से जुड़े बदलाव तो हुए ही है, कंपनी की रिसर्च एंड डिवेलपमेंट (R&D) टीम हार्डवेयर अपग्रेड्स पर भी काम कर रही है।
कंपनी अब 'जीरो-पावर कम्युनिकेशन' टेक्नोलॉजी लेकर आई है, जिसका संबंध ऐसे डिवाइसेज से है, जिन्हें चार्ज करने की जरूरत नहीं होगी।
नई टेक्नोलॉजी ब्लूटूथ और वाई-फाई की मदद से एनर्जी पैदा करेगी।
टेक
जीरो-पावर कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी लाई ओप्पो
ओप्पो की टीम ने नई जीरो-पावर कम्युनिकेशन (ZPC) टेक्नोलॉजी तैयार की है, जो कम पावर इस्तेमाल करने वाली एक्सेसरीज और डिवाइसेज का हिस्सा बन सकती है।
ज्यादातर डिवाइसेज ऑलवेज-ऑन मोड के साथ आते हैं और नई टेक्नोलॉजी उनके आसपास मौजूद ब्लूटूथ और वाई-फाई सिग्नल्स की मदद से एनर्जी पैदा कर सकती है।
आसान भाषा में समझें तो ZPC के साथ रेडियो सिग्नल्स को ऐसी पावर में बदला जाएगा, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज कर सकते हैं।
फायदा
चार्ज नहीं करने होंगे ऐसे डिवाइसेज
ZPC टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने वाले डिवाइसेज को किसी पावर सोर्स में लगाकर बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जिस रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी को नई टेक्नोलॉजी का आधार बनाया गया है, वह ढेरों मोबाइल टावर्स, बेस स्टेशंस, वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स, टीवी और मोबाइल डिवाइसेज की वजह से लगभग हर जगह मौजूद है।
भविष्य में ZPC मॉड्यूल लगाकर डिवाइसेज को हमेशा चार्ज रखा जा सकेगा और पावर बैकअप से जुड़ी चुनौतियों का सामना नहीं करना होगा।
इंतजार
डिवेलपर-रेडी है ओप्पो की ZPC टेक्नोलॉजी
ओप्पो ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि RF हार्वेस्टिंग या पैसिव कम्युनिकेशन जैसी टेक्नोलॉजी पहले ही मौजूद है।
कंपनी ने इसका नया वर्जन तैयार किया है, जो स्मार्टफोन्स में मौजूद शॉर्ट-रेंज ऐप्स के लिए एनर्जी हार्वेस्टिंग आसान बना देगा।
दावा है कि नई टेक्नोलॉजी ढेरों संभावनाओं के साथ टेस्टिंग के लिए तैयार है और डिवेलपर-रेडी है।
यानी कि डिवेलपर्स इसे अपने नए डिवाइसेज का हिस्सा बनाकर टेस्ट कर सकते हैं।
भविष्य
क्या खत्म हो जाएगी बैटरी चार्जिंग की जरूरत?
नई टेक्नोलॉजी से जुड़े वाइट पेपर बेशक ओप्पो की ओर से रिलीज किए गए हैं लेकिन इसे डिवाइसेज का हिस्सा बनने में वक्त लगेगा।
संभव है कि फ्यूचर स्मार्टफोन्स और दूसरे एक्सेसरीज को चार्जिंग की जरूरत ना पड़े लेकिन ZPC टेक की टेस्टिंग अभी बाकी है।
वहीं, जिन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का यूजर्स ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें बैटरी चार्जिंग का विकल्प दिया जाएगा।
वायरलेस चार्जिंग की तरह ZPC टेक मौजूदा चार्जिंग सिस्टम के साथ जोड़ी जा सकती है।
सैमसंग
सैमसंग हाल ही में लाई है बिना बैटरी वाला रिमोट
साउथ कोरियन टेक कंपनी सैमसंग इसी महीने CES 2022 इवेंट ऐसा रिमोट इवेंट में लेकर आई, जिसकी बैटरी कभी नहीं बदलनी होगी।
यह रिमोट भी घर में मौजूद दूसरे उपकरणों से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसीज की मदद से चार्ज हो जाएगा।
इसमें दिए गए पावर-मैनेजमेंट चिप के साथ वाई-फाई राउटर और दूसरे डिवाइसेज से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदला जा सकेगा।
ओप्पो का भी ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम करना इसे कई प्रोडक्ट्स का हिस्सा बना सकता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
मोबाइल डिवाइसेज को बार-बार चार्ज करने के लिए यूजर्स ज्यादा वक्त नहीं देना चाहते, यही वजह है कि कंपनियां फास्ट चार्जिंग देने लगी हैं। पिछले साल शाओमी सबसे तेज 200W वायर्ड और 120W वायरलेस फास्ट चार्जिंग टेक लेकर आई है।