दुनिया में पहली बार, लोगों के सपनों में जाकर वैज्ञानिकों ने की उनसे बातें
जो आविष्कार कभी साइंस फिक्शन फिल्मों का हिस्सा थे, आज वे सच्चाई बन चुके हैं और वैज्ञानिक मौजूदा फिल्मों में दिखाई गई टेक्नोलॉजी को सच बनाने में लगे हैं। जिस तरह 'इनसेप्शन' फिल्म में किरदार लोगों के सपनों में चले जाते हैं, दुनिया में पहली बार कुछ उसी तरह सपना देखने वक्त वैज्ञानिकों ने लोगों से बात की। अनोखे प्रयोग से जुड़ी स्टडी साइंस डायरेक्ट नाम के जर्नल में प्रकाशित की गई है और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
पहली बार सफल हुआ अनोखा प्रयोग
वैज्ञानिकों ने लूसिड ड्रीम देख रहे लोगों से सफलतापूर्वक बात की। लूसिड ड्रीम वह स्थिति होती है, जब सोने वाले व्यक्ति को पता होता है कि वह सपना देख रहा है। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस अवस्था में लोग एक्सपेरिमेंटर से भेजे गए सवाल समझ सकते हैं और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल सिग्नल्स की मदद से उनके जवाब भी दे सकते हैं। लूसिड ड्रीमिंग ऐसी अवस्था है, जिसमें सोने वाला अपने आप पहुंचता है और समझता है कि वह सपना देख रहा है।
संभव है सोने को दौरान बातें करना
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के स्टडी ऑथर केन पालर ने रिसर्च के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, "लूसिड ड्रीम्स देखते वक्त लोग सवालों को समझ सकते हैं, जगने के दौरान जिस तरह उनका दिमाग काम करता है, उस तरह की दिमागी गतिविधि कर सकते हैं और जवाब दे सकते हैं।" पाया गया कि सोने के दौरान लोगों ने निर्देशों का पालन किया, गणित के आसान सवालों का जवाब दिया और हां-ना में जवाब देने वाले सवालों का जवाब दे पाए।
कैसे संभव हुआ सपनों से जुड़ा प्रयोग?
रिसर्चर्स ने स्लीप स्टडी से जुड़े टेस्ट पॉलीसोम्नोग्राफिकली की मदद से एक टू-वे कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार किया। इसमें फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड्स और अमेरिका के 36 लोगों के रैपिड-आई-मूवमेंट (REM) को मॉनीटर किया गया। सोने के पहले 90 मिनट में लोग REM स्लीप में पहुंच जाते हैं और सोने की पांच अवस्थाओं में से इसमें ही सबसे ज्यादा सपने देखे जाते हैं। इस अवस्था में सोने वालों ने आंखे के मूवमेंट से सवालों के जवाब दिए और प्रतिक्रिया दे पाए।
करवाया गया था अभ्यास
सोने से पहले रिसर्च में शामिल लोगों को एक्सपेरिमेंटर से सवाल भेजने, उन्हें समझने और जवाब देने का अभ्यास करवाया गया, जिससे वे नींद की अवस्था में इसे दोहरा पाएं। हालांकि, उन्हें नहीं पता चला कि नींद के दौरान उनसे कौन सा सवाल पूछा गया।
स्टडी से क्या सामने आया?
रिसर्चर्स ने पाया है कि REM स्लीप और लूसिड ड्रीम्स की स्थिति में लोगों से रियल-टाइम में बात करना संभव है। स्टडी के मुताबिक, इस स्थिति में आंखें तेजी से मूव करती हैं और सोने वाले व्यक्ति की ओर से संकेत भेजे जा सकते हैं। रिसर्चर्स ने लूसिड ड्रीमर्स से 158 सवाल पूछे, जिनमें से 18.6 प्रतिशत सवालों का सही जवाब दिया गया। केवल 3.2 सवालों का गलत जवाब मिला और 60.8 प्रतिशत सवालों का जवाब ड्रीमर्स ने नहीं दिया।
जुटाई जा सकती है जानकारी
रिसर्च से एक बात सामने आ गई है कि लूसिड ड्रीम देखते वक्त किसी यूजर के दिमाग से मिलने वाली प्रतिक्रिया सो समझकर उससे संपर्क किया जा सकता है। रिसर्च जारी रखकर इस प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सकता है।