नासा का आर्टिमिस-1 मिशन महीनों के इंतजार के बाद सफलतापूर्वक लॉन्च
कई महीनों के इंतजार के बाद आखिरकार अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने आर्टिमिस-1 मिशन को लॉन्च कर दिया है। इसे फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में बने लॉन्च पैड 39B से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट और ओरियन स्पेसक्राफ्ट वाले इस मिशन को 9 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन निकोल तूफान के चलते इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई थी। इंसानों को दोबारा चांद पर उतारने की कड़ी में यह पहला मिशन है।
इंसान को चांद पर भेजने की है तैयारी
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा दशकों बाद फिर से इंसान को चांद पर भेजने की तैयारी में जुटी है। यह मिशन उसी तैयारी का हिस्सा है। आर्टिमिस-1 मिशन एक टेस्ट फ्लाइट है। यानी इसमें कोई क्रूमेंबर नहीं गया है। इसके दूसरे मिशन में क्रूमेंबर के साथ टेस्ट किया जाएगा। आर्टिमिस-3 में चांद की सतह पर उतरने की कोशिश की जाएगी और इसकी लॉन्चिंग 2025 के लिए निर्धारित की गई है। आर्टिमिस-4 में इंसानों को चांद पर भेजा जाएगा।
इस मिशन पर क्या-क्या भेजा गया है?
आर्टिमिस-1 एक मानव-रहित मिशन है और इसमें नासा के अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट SLS और ओरियन स्पेसक्राफ्ट को परखा जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि क्या इन दोनों को सहारे इंसान को चांद पर भेजा जा सकता है। इस मिशन पर शॉन और शीप नाम के दो खिलौने और दो पुतले भेजे गए हैं, जिन पर 5,600 रेडिएशन सेंसर लगे हुए हैं। इनके अलावा लुनार आइसक्यूब और लुनार पोलर हाइड्रोजन मैप्पर समेत 10 पेलोड भेजे गए हैं।
छह दिन बाद धरती पर वापस लौटेगा ओरियन स्पेसक्राफ्ट
SLS रॉकेट में चार RS-25 इंजन और पांच सेगमेंट बूस्टर लगे हैं। वहीं ओरियन एक क्रायोजेनिक प्रोपल्शन स्टेस से जुड़ा है, जो इसे चांद की तरफ धकेलने में मदद करेगा। लॉन्च के दो घंटे के बाद दोनों अलग हो जाएंगे। इसके बाद ओरियन छह दिनों तक चांद की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर उड़ान भरेगा और फिर धरती पर लौट आएगा। इसके सफल होने के बाद आर्टमिस-2 और आर्टिमिस-2 मिशन की राह प्रशस्त होगी।
कई बार टल चुकी थी लॉन्चिंग
अरबों रुपये की लागत और कई वर्षों की मेहनत के बाद तैयार हुए इस मिशन की लॉन्चिंग कई बार टल चुकी है। इसे पिछले साल लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसकी लॉन्चिंग टलती गई। फिर इस साल अगस्त और सितंबर में इसे लॉन्च करने की तैयारी हुई, लेकिन तकनीकी और प्राकृतिक बाधाओं के चलते आर्टिमिस-1 मिशन लॉन्च नहीं हो सका। चांद पर इंसानों का दोबारा उतरना काफी हद तक इस मिशन पर निर्भर करेगा।
इसलिए आर्टिमिस-1 पर टिकी हैं सबकी निगाहें
आर्टिमिस-1 मिशन एक टेस्ट फ्लाइट है और यह चांद के रहस्यों का पता लगाने की इंसानी कोशिशों के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगा। साथ ही चांद और उसके पार जाने के लिए नासा की क्षमता को परखेगा। यह धरती से 4.5 लाख किमी का सफर तय करेगा। मिशन पूरा करने के बाद यह धरती पर लौटेगा। लौटते समय यह स्पेसक्राफ्ट 11 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती के वातावरण में प्रवेश करेगा।