नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप और SLS रॉकेट TIME के सर्वश्रेष्ठ अविष्कारों में शामिल
TIME मैगजीन ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) और स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) को '2022 TIME इन्वेंशन ऑफ द ईयर' के खिताब से सम्मानित किया है। नासा ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के साथ मिलकर JWST को तैयार किया है। वहीं एजेंसी का SLS रॉकेट दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसे इंसान को चंद्रमा पर भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।
क्या है जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप?
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल अंतरिक्ष की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाता है। इसे 25 दिसंबर, 2021 को फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया गया था। हाल ही में JSWT ने 'पिलर्स ऑफ क्रिएशन' की शानदार तस्वीर कैप्चर की थी। इस तस्वीर में गैस और धूल के बादलों के बीच नए तारे बनते दिख रहे थे। इस टेलीस्कोप को विशेष रूप से दूर के ब्राह्मंड और आकाशगंगाओं की जांच के लिए डिजाइन किया गया है।
इतिहास का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है JSWT
JSWT ना सिर्फ आकार में बल्कि क्षमता के मामले में भी अब तक का सबसे ताकतवर टेलीस्कोप है। इसकी क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह 0.05 इंच मोटे और 0.75 इंच व्यास वाले सिक्के को 64 किलोमीटर दूर से देख सकता है। यह टेलीस्कोप करीब 550 किलोमीटर दूर से भी एक फुटबॉल देखने में सक्षम है यह सूर्य और पृथ्वी के लग्रांज बिंदु पर करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित है।
क्या है स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट?
SLS एकमात्र ऐसा रॉकेट है जो चंद्रमा और उससे आगे मनुष्यों को लॉन्च करने में सक्षम है। SLS रॉकेट की लंबाई 322 फुट है और यह जो सैटर्न V (363) से थोड़ा कम उंचा है। बता दें सैटर्न V (363) का इस्तेमाल नासा ने 1960 में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने के लिए किया था। हालांकि, SLS सैटर्न V से ज्यादा शक्तिशाली है। इससे अंतरिक्ष में 27 टन तक का भार ले जाया जा सकता है।
आर्टिमिस-1 अभियान का हिस्सा है SLS रॉकेट
नासा इसपर कई सालों से काम कर रही है और इसका इस्तेमाल गैर व्यवसायिक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए किया जाएगा। नासा अभी अपने आर्टिमिस-1 मिशन पर काम कर रही है जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें SLS रॉकेट का अहम योगदान है। इसके अंतिम चरण में एक महिला और एक पुरुष यात्री को चंद्रमा पर उतारा जाएगा। नासा ने तीसरी बार रॉकेट की लॉन्चिंग को टाला है और फिर से 16 नवंबर को लॉन्चिंग की योजना है।