
क्या ज्यादा मेगापिक्सल वाले कैमरा का मतलब होता है बेहतर फोटो क्वॉलिटी? यह है पूरा सच
क्या है खबर?
बीते कुछ साल में जो टेक्नोलॉजी सबसे तेजी से बदली है, वह स्मार्टफोन और दूसरे डिवाइसेज के कैमरों से जुड़ी है।
सैमसंग और सोनी जैसी कंपनियां 200 मेगापिक्सल तक क्षमता वाले स्मार्टफोन कैमरा सेंसर्स तैयार कर चुकी हैं और 108 मेगापिक्सल कैमरा फोन्स मार्केट में हैं।
ढेरों स्मार्टफोन यूजर्स को लगता है कि ज्यादा मेगापिक्सल होने पर कैमरा से बेहतर आउटपुट मिलता है, लेकिन ऐसा नहीं है।
आइए कैमरों और मेगापिक्सल का गणित समझते हैं।
मार्केटिंग
स्मार्टफोन कैमरों की क्षमता से होता है प्रचार
स्मार्टफोन कंपनियां अपने डिवाइस के कैमरा को बेहतर बताने के लिए मेगापिक्सल को पैमाने की तरह इस्तेमाल करती हैं।
शुरू से ही कैमरा मेगापिक्सल स्मार्टफोन मेकर्स की मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा रहा है।
ग्राहकों को यह समझाना आसान होता है कि उनके फोन में कितने मेगापिक्सल का कैमरा सेंसर दिया गया है।
ज्यादातर ग्राहक इमेज प्रोसेसिंग चिप और सॉफ्टवेयर, कैमरा सेंसर की क्वॉलिटी या उसके नाम का मतलब नहीं समझते इसलिए कंपनियां मार्केटिंग में इनपर जोर नहीं देतीं।
कैमरा
कैसे काम करता है डिजिटल कैमरा?
सबसे पहले लाइट किसी सब्जेक्ट से टकराकर कैमरा लेंस पर पड़ती है और सेंसर को भेजी जाती है।
यह सेंसर लाइट को इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स में बदलकर स्टोरेज में सेव करता है और अलग-अलग पिक्सल से जुड़ा कलर डाटा स्टोर करता है।
यह सेंसर बड़ी इमेज को बेहद छोटे टुकड़ों में बांटकर उन टुकड़ों का कलर डाटा सेव करता है और ये टुकड़े ही पिक्सल कहे जाते हैं।
इस डाटा को फाइनल इमेज की तरह स्क्रीन पर देखा जा सकता है।
जानकारी
मेगापिक्सल का मतलब क्या है?
एक मेगापिक्सल का मतलब 10 लाख (एक मिलियन) पिक्सल्स होता है। यानी कि आठ मेगापिक्सल वाला कैमरा किसी इमेज को 80 लाख छोटे हिस्सों (पिक्सल्स) में बांटकर उसका कलर और इमेज डाटा सेव करता है। मेगापिक्सल का संबंध किसी फोटो की शार्पनेस से होता है।
सवाल
क्या पिक्सल्स देखे जा सकते हैं?
स्क्रीन पर दिखने वाली लगभग सभी इमेजेस पिक्सल्स की मदद से तैयार होती हैं।
आप टीवी या मॉनीटर की स्क्रीन को बेहद पास से देखें तो उनमें छोटे-छोटे पिक्सल्स नजर आएंगे।
इसी तरह किसी फोटो को बहुत ज्यादा जूम किया जाए तो पिक्सल्स साफ देखे जा सकते हैं।
एक पिक्सल में किसी इमेज का बहुत ही छोटा सा हिस्सा होता है, जो किसी एक कलर का हो सकता है और इमेज डाटा का एक बेहद छोटा हिस्सा स्टोर करता है।
क्वॉलिटी
ज्यादा मेगापिक्सल का मतलब बेहतर क्वॉलिटी क्यों नहीं?
ज्यादातर यूजर्स को लगता है कि 32 मेगापिक्सल वाला कैमरा किसी आठ मेगापिक्सल क्षमता वाले कैमरा के मुकाबले ज्यादा इमेज डाटा जुटाएगा और बेहतर इमेज क्वॉलिटी देगा, लेकिन ऐसा नहीं है।
दरअसल, अगर आठ मेगापिक्सल कैमरा वाले लेंस की क्वॉलिटी 32 मेगापिक्सल कैमरा के मुकाबले बेहतर है, तो उससे ज्यादा अच्छी तरह लाइट सेंसर तक पहुंचेगी।
ऐसे मामले में आठ मेगापिक्सल वाला कैमरा, 32 मेगापिक्सल कैमरा से बेहतर आउटपुट और फाइनल इमेज दे सकता है।
सेंसर
स्मार्टफोन कैमरा में मिलने वाला सेंसर महत्वपूर्ण
इमेज क्वॉलिटी के लिए फोन में मिलने वाला कैमरा सेंसर ज्यादा जिम्मेदार होता है।
बेहतर इमेज सेंसर कम मेगापिक्सल की फोटो में भी ज्यादा अच्छे कलर्स वाला आउटपुट देता है।
इसके मुकाबले कमजोर सेंसर ज्यादा मेगापिक्सल कैमरा होने पर भी अच्छी फाइनल इमेज नहीं दे पाता।यानी कि ज्यादा मेगापिक्सल वाले कैमरा का मतलब बेहतर इमेज आउटपुट या क्वॉलिटी नहीं होता।
यही वजह है कि ऐपल आईफोन्स 12 मेगापिक्सल सेंसर के साथ भी ढेरों एंड्रॉयड फोन्स से बेहतर आउटपुट देते हैं।
फायदा
ज्यादा मेगापिक्सल का फायदा क्या है?
ज्यादा मेगापिक्सल का संबंध किसी इमेज का साइज ज्यादा होने से है, यानी कि ज्यादा मेगापिक्सल कैमरा से क्लिक की गई फोटो को बड़े साइज में देखा या प्रिंट करवाया जा सकता है।
इसके अलावा ज्यादा मेगापिक्सल कैमरा से क्लिक की गई फोटो का कोई एक हिस्सा इस्तेमाल करना चाहें या इसे क्रॉप करना चाहें, तब भी इसमें पर्याप्त पिक्सल्स होने के चलते इसकी शार्पनेस पर असर नहीं पड़ेगा और फोटो ब्लर नहीं होगी।
खरीददारी
स्मार्टफोन खरीदते वक्त कैसे चुनें अच्छा कैमरा?
नया स्मार्टफोन खरीदते वक्त ज्यादा मेगापिक्सल वाला कैमरा देखने के बजाय उसमें दिए गए सेंसर का नाम पढ़ें और इसके बारे में जानकारी जुटाएं।
आप डिवाइस का कैमरा रिव्यू और अन्य फोन्स के कैमरा से तुलना देख सकते हैं, जिससे इसकी रियल-लाइफ परफॉर्मेंस का पता चल सके।
इसके अलावा अलग-अलग कंपनियों की सॉफ्टवेयर से जुड़ी इमेज प्रोसेसिंग उससे मिलने वाले इमेज आउटपुट के लिए जिम्मेदार होती है, इस बारे में रिसर्च करना भी जरूरी होता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
स्मार्टफोन्स से जुड़ी टेक्नोलॉजी में कैमरा से जुड़े ढेरों इनोवेशंस आए दिन हो रहे हैं और जल्द फ्रंट कैमरा स्क्रीन के अंदर जगह बना सकता है। फुल स्क्रीन स्मार्टफोन एक्सपीरियंस देने के लिए कई स्मार्टफोन कंपनियां अंडर-स्क्रीन कैमरा पर काम कर रही हैं।