
ISRO ने 9 सैटेलाइट के साथ सफलतापूर्वक लॉन्च किया PSLV-C54 मिशन
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) से शनिवार को सफलतापूर्वक नौ सैटेलाइट लॉन्च कर दिए हैं।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किए गए इस PSLV-C54 मिशन में 44 मीटर लंबे रॉकेट ने आठ नैनोसैटेलाइट समेत 321 टन वजन के साथ उड़ान भरी।
ये नैनोसैटेलाइट निजी कंपनियों के अलावा भारत और भूटान ने साथ मिलकर तैयार किए हैं।
यह इस साल का आखिरी PSLV मिशन है।
जानकारी
PSLV का कुल 56वां मिशन
PSLV से लॉन्च किया गया यह कुल 56वां और इस साल का पांचवा मिशन है। यह पूरा मिशन लगभग 2 घंटे 20 मिनट तक चलेगा। इस दौरान ये सैटेलाइट्स अलग-अलग ऑर्बिट में लॉन्च किए जाएंगे।
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ओशनसैट-3 है मिशन का प्राइमरी सैटेलाइट
मिशन पर भेजे गए सैटेलाइट्स में से प्राइमरी सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 है, जिसे ओशनसैट-3 के नाम से भी जाना जा रहा है। इसे सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट में छोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि यह हमेशा सूरज के हिसाब से एक तय स्थिति पर रहेगा।
इस सीरीज का पहला सैटेलाइट 26 मई, 1999 को और दूसरा सैटेलाइट 23 सितंबर, 2009 को लॉन्च किया गया था। 2016 में इसका स्केटरोमीटर खराब होने के बाद स्कैटसैट-1 लॉन्च किया गया था।
ट्विटर पोस्ट
मिशन लॉन्च की झलकियां
Andhra Pradesh | PSLV-C54 takes off from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota. pic.twitter.com/lxsOccncTg
— ANI (@ANI) November 26, 2022
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ISRO के सबसे लंबे मिशनों में शामिल है यह मिशन
आठ नैनो सैटेलाइट में निजी कंपनी पिक्सेल का आनंद, स्पेसफ्लाइट USA के चार एस्ट्रोकास्ट, ध्रुव अंतरिक्ष से दो थायबोल्ट और ISRO भूटानसैट शामिल है।
25.30 घंटे के काउंटडाउन के बाद रॉकेट ने शनिवार सुबह 11.56 मिनट पर उड़ान भरी थी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ISRO की तरफ से लॉन्च किए गए सबसे लंबे मिशन में से एक है और इसमें रॉकेट को सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए ऑर्बिट बदलने पड़ेंगे।
निजी रॉकेट लॉन्च
पिछले सप्ताह ISRO ने रचा था इतिहास
18 नवंबर को ISRO ने नया इतिहास रचते हुए देश के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-सबऑर्बिटल (VKS) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।
इसे हैदराबाद स्थित स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया था। यह ISRO के दो पूर्व वैज्ञानिकों की कंपनी है।
विक्रम-S रॉकेट का नाम भारतीय अंतरिक्ष अभियान के जनक कहे जाने वाले विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है और इसे 200 वैज्ञानिकों की टीम ने तैयार किया था।
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समुद्र तल से लगभग 90 किलोमीटर ऊपर गया रॉकेट
VKS एक सिंगल-स्टेज स्पिन-स्टैबलाइज्ड सॉलिड प्रोपेलेंट रॉकेट था और इसका वजन लगभग 545 किलोग्राम था। इसके साथ भेजे गए तीन पेलोड स्पेस किड्ज इंडिया, बजमूक अर्मेनिया और एन-स्पेस टेक इंडिया ने तैयार किए थे।
लॉन्चिंग के बाद यह रॉकेट समुद्र तट से 89.5 किलोमीटर ऊपर गया, जबकि इसका लक्ष्य 80 किलोमीटर तय किया गया था। इस टेस्ट लॉन्च की अवधि 291 सेकंड रही।
मिशन के बाद रॉकेट बंगाल की खाड़ी में धरती से 130 किलोमीटर दूर गिरा।