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चंद्रयान-3 के क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण सफल, ISRO की बड़ी कामयाबी
चंद्रयान-3 के रॉकेट इंजन के परीक्षण में इसरो को सफलता मिली

चंद्रयान-3 के क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण सफल, ISRO की बड़ी कामयाबी

लेखन रजनीश
Feb 28, 2023
07:29 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) को चंद्रयान-3 मिशन के लिए बड़ी सफलता मिली है। चंद्रयान-3 मिशन के लिए प्रक्षेपण यान के CE-20 क्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है। ISRO अधिकारियों ने बताया कि 24 फरवरी को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में ISRO प्रोपल्सन कॉम्प्लेक्स की हाई एल्टीट्यूड टेस्ट फैसिलिटी में 25 सेकंड की नियोजित अवधि के लिए परीक्षण किया गया था। अंतरिक्ष एजेंसी के बयान में कहा गया है कि परीक्षण के दौरान सभी पैरामीटर संतोषजनक पाए गए।

चंद्रयान

सफल रहा उड़ान स्वीकृति ताप परीक्षण- ISRO

ISRO ने कहा कि क्रायोजेनिक इंजन को पूरी तरह से एकीकृत उड़ान के लिए प्रोपेलेंट टैंक, स्टेज स्ट्रक्चर और संबंधित द्रव लाइनों के साथ एकीकृत किया जाएगा। चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण वाहन के ऊपरी चरण को रफ्तार देने वाले CE-20 क्रायोजेनिक इंजन का उड़ान स्वीकृति ताप परीक्षण सफल रहा है। इससे पहले साल की शुरुआत में चंद्रयान-3 के लैंडर का तिरुपति स्थित यूआर राव उपग्रह केंद्र में सफल EMI/EMC परीक्षण किया गया था।

जानकारी

चंद्रयान-2 से अगला मिशन है चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 की बात करें तो ये चंद्रयान -2 का अगला मिशन है। इससे भारत साबित करेगा कि देश के पास चांद की सतह पर उतरने और घूमने की समग्र क्षमता है। इस मिशन को जून, 2023 में लॉन्च किया जा सकता है।

फेल

आंशिक रूप से असफल हो गया था चंद्रयान-2

इससे पहले 2019 में भारत ने चंद्रयान-2 मिशन के जरिए चांद की सतह पर उतरने की कोशिश की थी, लेकिन यह मिशन आंशिक तौर पर असफल हो गया था। चंद्रयान-2 जब चंद्रमा की सतह पर उतरने ही वाला था, तभी लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया और मिशन को बड़ा झटका लगा। लैंडर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन लैंडिंग से 90 सेकंड पहले लैंडर का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया।

सबक

चंद्रयान-3 में नहीं होगा ऑर्बिटर

चंद्रयान-2 में एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भेजा गया था, लेकिन अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह 2021 में बताा था कि चंद्रयान-2 से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर शामिल नहीं किया जाएगा। चंद्रयान-3 में केवल एक लैंडर और एक रोवर ही लगाया जाएगा। चंद्रयान-2 से पहले साल 2008 में चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। इस मिशन ने अपने सभी लक्ष्यों और उद्देश्यों को हासिल किया था।

कोरोना

कोरोना के चलते चंद्रयान-3 में हुई देरी

चंद्रयान-2 की असफलता के बाद ही सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की घोषणा की थी। उस दौरान कहा गया था कि यह मिशन चंद्रयान-2 की कमियों को पूरा करने में सक्षम होगा। चंद्रयान-3 मिशन की घोषणा के वक्त सरकार ने 2020 के आखिर या साल 2021 की शुरुआत में इसके लॉन्च किए जाने की संभावना जताई थी, लेकिन महामारी ने मिशन के मॉड्यूल निर्माण कार्यक्रम को खासा प्रभावित किया और इसे तय समय पर लॉन्च नहीं किया जा सका।