गगनयान: 2024 में लॉन्च हो सकता है भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन
अंतरिक्ष के लिए भारत का पहला मानवयुक्त मिशन गगनयान साल 2024 में लॉन्च होने की उम्मीद है। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी है। इस मिशन को 2022 में लॉन्च के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसको स्थगित करना पड़ा था। बता दें, इस मिशन की पहली परीक्षण उड़ान इसी साल होने वाली है।
गगनयान मिशन के लिए होंगे दो परीक्षण
गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान इसी साल पृथ्वी से 15 किमी की ऊंचाई पर लॉन्च की जाएगी। इसमें वैज्ञानिक मिशन की समाप्ति पर होने वाली स्थिति पैदा करेंगे, ताकि पैराशूट के जरिए कैप्सूल की वापसी सुनिश्चित हो सके। पहले परीक्षण के बाद दूसरे परीक्षण के लिए महिला जैसी दिखने वाली अंतरिक्ष यात्री ह्यूमनॉइड रोबोट (व्योममित्र) को भेजा जाएगा। रोबोट की वापसी के लिए भी पैराशूट का इस्तेमाल होगा और इसकी ऊंचाई पहली उड़ान से ज्यादा होगी।
पायलटों को दिया जा चुका है बुनियादी प्रशिक्षण
इन दोनों परीक्षणों का परिणाम यह निर्धारित करेगा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2024 में मिशन शुरू करेगा या नहीं। अंतरिक्ष एजेंसी ने इस मिशन के लिए पहले से ही चालक दल के रूप में वायु सेना के चार पायलटों का चयन कर लिया है। इन सभी पायलटों ने रूस में बुनियादी प्रशिक्षण भी लिया है। 2024 मिशन में चार में से कम से कम दो पायलट LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) के लिए भेजे जाएंगे।
गतिशील प्रशिक्षण सिम्युलेटर के लिए जारी किया ग्लोबल टेंडर
गगनयान मिशन की तैयारी के लिए ISRO कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। एजेंसी अब सिम्युलेटर की मदद से चालक दल के प्रशिक्षण के अगले चरण को शुरू करने पर विचार कर रही है। एजेंसी ने चालक दल के प्रशिक्षण के लिए एक गतिशील सिम्युलेटर के लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किया है। सिम्युलेटर का उपयोग अंतरिक्ष यात्रियों को क्रू मॉड्यूल, ओरिएंटेशन और विभिन्न चरणों से परिचित कराने के लिए किया जाएगा।
कोविड-19 बना मिशन की प्रगति का रोड़ा
भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में इस वर्ष गगनयान मिशन शुरू किया जाना था। हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से मिशन की प्रगति में देरी हुई है। राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "कोविड-19 महामारी ने रूस के साथ-साथ भारत में अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण पर भी असर डाला है।" बता दें, गगनयान मिशन की कुल लागत लगभग 9,023 करोड़ रुपये है।
न्यूजबाइट्स प्लस
गगनयान को भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन के अगले चरण के रूप में देखा जा रहा है। लो अर्थ ऑर्बिट के लिए मानव उड़ानें शुरू करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करने के अलावा इस मिशन के कई अन्य लाभ भी हैं। यह हमारे भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों में भी मदद करेगा, जिसमें अंतरिक्ष से चीजों के नमूने धरती पर लेकर आना और अंतरिक्ष में अन्य ग्रहों की खोज करना शामिल है।