गगनयान मिशन के लिए ISRO ने शुरू की HLVM3 रॉकेट की असेंबलिंग
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसे 2025 में लॉन्च किए जाने की योजना है। इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (HLVM3) की असेंबलिंग शुरू कर दी है। यह रॉकेट 53 मीटर ऊंचा और 3 चरणों वाला है, जिसे खासतौर पर मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए डिजाइन किया गया है। गगनयान-G1 की पहली बिना चालक वाली उड़ान अगले साल लॉन्च होगी।
LVM3-X मिशन से गगनयान मिशन की नींव
LVM3-X मिशन ने 2014 में मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए क्रू मॉड्यूल के लॉन्च और रिकवरी जैसी महत्वपूर्ण तकनीकी सफलताएं हासिल कीं। इसने 3,775 किलोग्राम वजन को 126 किलोमीटर ऊंचाई तक भेजा और फिर सुरक्षित रूप से बंगाल की खाड़ी में लैंड किया। इन सफलताओं ने गगनयान मिशन की नींव रखी, जिसे 2019 में मंजूरी मिली। HLVM3, LVM3 का एडवांस वर्जन है, जिसे मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए विशेष रूप से विश्वसनीयता और सुरक्षा के साथ डिजाइन किया गया है।
HLVM3 की असेंबलिंग हुई शुरू
ISRO ने आज HLVM3-G1 अभियान की शुरुआत की, जब उन्होंने S200 सॉलिड रॉकेट मोटर के नोजल-एंड सेगमेंट को जोड़ना शुरू किया। S200 मोटर्स की असेंबलिंग जारी है, जबकि L110 और C32 स्टेज लॉन्च के लिए तैयार हैं। क्रू और सर्विस मॉड्यूल को क्रमशः विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर और यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में एकीकृत किया जा रहा है। HLVM3-G1 मिशन मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए आवश्यक सुरक्षा तकनीकों का परीक्षण करेगा, जिससे भविष्य के मिशनों की सफलता सुनिश्चित होगी।
हाल ही में हुआ था रिकवरी ऑपरेशन का परीक्षण
ISRO और भारतीय नौसेना ने गगनयान मिशन के लिए इस महीने की शुरुआत में रिकवरी ऑपरेशन का परीक्षण किया था। यह परीक्षण विशाखापत्तनम के तट पर वेलडेक फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर किया गया, जिसका उद्देश्य समुद्र में क्रू मॉड्यूल के स्पलैशडाउन के बाद उसे जल्दी से रिकवर करना था। मॉकअप क्रू-मॉड्यूल का उपयोग करके रिकवरी प्रक्रिया की पूरी जांच की गई। इस खास परीक्षण से अगले साल लॉन्च होने वाले गगनयान मिशन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ेगी।
गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में भेजा जाएगा। इस महत्वपूर्ण मिशन में भारतीय वायु सेना के 4 पायलटों, प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला का चयन किया गया है। यह मिशन ISRO के LVM-3 रॉकेट से लॉन्च होगा, जो भारत को अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाएगा।
गगनयान मिशन का उद्देश्य
गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को अंतरिक्ष में मानव यात्रा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। इस मिशन के तहत, अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के साथ उनकी सुरक्षा, जीवन रक्षण प्रणालियां और पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए सभी आवश्यक तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को और सशक्त बनाना और भविष्य में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार करना है।