
स्पेस-X ने लॉन्च की स्टारशिप की छठी परीक्षण उड़ान, योजना नहीं हुई पूरी तरह सफल
क्या है खबर?
एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-X ने आज (20 नवंबर) दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप की छठी परीक्षण उड़ान को लॉन्च किया।
टेक्सास स्थित बोका चिका लॉन्च पैड से भारतीय समयानुसार कंपनी ने रॉकेट को सुबह 03:30 बजे लॉन्च किया। इस दौरान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी परीक्षण देखने के लिए स्पेस-X की स्टारबेस सुविधा में मौजूद रहे।
लॉन्च के बाद सब कुछ ठीक नहीं रहने की वजह से रॉकेट को हिंद महासागर में लैंड कराना पड़ा।
योजना
क्या थी योजना और क्या हुआ?
स्पेस-X ने बूस्टर को 'मेकाजिला' टॉवर पर उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन हालात अनुकूल न होने के कारण इसे मैक्सिको की खाड़ी में उतारना पड़ा।
हालांकि, स्टारशिप के ऊपरी हिस्से ने अपनी यात्रा पूरी कर हिंद महासागर में सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
बूस्टर रिकवरी में यह दिक्कत जरूर रही, लेकिन ऊपरी चरण की सफलता ने मिशन को आंशिक रूप से सफल बना दिया और भविष्य के प्रयासों के लिए सकारात्मक दिशा दी।
प्रतिक्रिया
परीक्षण को लेकर मस्क की प्रतिक्रिया
स्पेस-X के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मस्क ने एक्स पर स्टारशिप की सफल समुद्री लैंडिंग पर खुशी जताई।
उन्होंने कहा कि अगली बार फिर समुद्र में लैंडिंग की जाएगी। अगर वह सफल रही, तो स्पेस-X रॉकेट को लॉन्च टॉवर से पकड़ने का प्रयास करेगी।
मस्क का यह बयान दिखाता है कि स्पेस-X अपने रॉकेट सिस्टम को और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। यह प्रयास भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें मस्क का पोस्ट
Successful ocean landing of Starship!
— Elon Musk (@elonmusk) November 20, 2024
We will do one more ocean landing of the ship. If that goes well, then SpaceX will attempt to catch the ship with the tower. https://t.co/osFud7XXPo
भविष्य
स्टारशिप इस तरह होगा उपयोगी
स्टारशिप अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट सिस्टम। यह करीब 397 फीट ऊंचा है और मंगल पर इंसानों की बस्ती बसाने में मदद करेगा।
स्पेस-X इसे फिर से लॉन्च टॉवर से पकड़ने की योजना बना रही है। अगर यह योजना सफल हुई, तो यह अंतरिक्ष में लागत कम करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि होगी।
पिछले परीक्षण उड़ान ने स्पेस-X की अंतरिक्ष खोज में प्रगति दिखाई और मंगल ग्रह पर इंसानी मिशन के सपने को करीब लाने का संकेत दिया।