मंगलयान मिशन: आज से 10 साल पहले मंगल पर पहुंचा था ISRO, जानें खास बातें
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए 24 सितंबर की तिथि काफी खास है, क्योंकि आज ही के दिन मंगलयान पहली बार मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा था। ISRO ने मंगलयान या मार्स ऑर्बिटर मिशन को 5 नवंबर, 2013 को श्रीहरिकोटा से PSLV-C25 की मदद से लॉन्च किया था। गहरे अंतरिक्ष में 300 दिनों से अधिक समय बिताने के बाद आज से 10 साल पहले मंगलयान ने पहली बार 24 सितंबर, 2014 मंगल की कक्षा में प्रवेश किया था।
भारत के लिए क्यों खास रहा यह मिशन?
मंगलयान मिशन भारत के लिए काफी खास था, क्योंकि यह भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन था। मिशन की सफलता से भारत मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना। भारत ऐसा पहला देश भी बना, जिसने पहली कोशिश में मंगल की कक्षा में पहुंचने में सफलता प्राप्त की हो। मंगलयान को 6 महीने के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन यह कई सालों तक चलता रहा। 2022 में ईंधन खत्म होने के कारण इसका संचालन समाप्त हुआ।
क्या था मंगलयान मिशन का उद्देश्य?
ISRO के मंगलयान मिशन का प्रमुख उद्देश्य मंगल ग्रह के सतह की संरचना और वहां की मिट्टी का अध्ययन करना था। अपने उद्देश्यों को हासिल करते हुए इसने मंगल ग्रह के वातावरण में मिथेन गैस की उपस्थिति का पता लगाया और ग्रह के चारों ओर के वातावरण और मौसमी बदलावों का अध्ययन किया। मंगलयान का कुल बजट लगभग 450 करोड़ रुपये था, जो अब तक सबसे कम खर्च में पूरा किया गया मंगल मिशन है।
मंगलयान में शामिल थे ये उपकरण
मंगलयान ठीक तरह से डाटा इकट्ठा कर सके इसके लिए इसमें 5 प्रमुख वैज्ञानिक उपकरण थे, जिसमें मार्स कलर कैमरा (MCC), थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (TIS), मार्स एक्सोस्फेरिक न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर (MENCA), मीथेन सेंसर (MSM) और लैमन-अल्फा फोटोमीटर (LAP) शामिल थे। बता दें कि ISRO अब अपने मंगलयान-2 मिशन की तैयारी कर रहा है। इस मिशन के तहत जलवायु और वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए एक रोवर और हेलीकॉप्टर मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा।