कोरोना वैक्सीन लगवाने को लेकर संकोच में हैं देश के 62 प्रतिशत लोग- सर्वे
पिछले एक महीने में भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने को लेकर संकोच करने वाले लोगों की संख्या में 7 प्रतिशत की कमी आई। एक ताजा सर्वे के अनुसार, देश में कोरोना वैक्सीन लेने में संकोच करने वाले लोगों की संख्या दिसंबर में 69 प्रतिशत से घटकर जनवरी में 62 प्रतिशत पर आ गई है। सर्वे में ज्यादातर प्रतिभागियों ने साइड इफेक्ट्स और प्रभावकारिता को वैक्सीन के प्रति संकोच का एक अहम कारण बताया।
17,000 लोगों पर किया गया था सर्वे
लोकल सर्कल नामक कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा किए गए इस सर्वे में 16 से 18 जनवरी के बीच 230 जिलों के 17,000 लोगों से वैक्सीन से संबंधित सवाल पूछे गए। सर्वे के दौरान 8,658 लोगों ने जबाव दिया जिनमें से 32 प्रतिशत ने कहा कि वे वैक्सीन लेंगे, वहीं 62 प्रतिशत ने इसमें संकोच जाहिर किया। 6 प्रतिशत लोगों ने निजी अस्पतालों या माध्यमों के जरिए वैक्सीन लगवाने और 3 प्रतिशत ने 2022 में फैसला लेने की बात कही।
59 प्रतिशत ने कहा- साइड इफेक्ट्स के कारण नहीं लगवा रहे वैक्सीन
सर्वे में ये भी पूछा गया कि वे कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं लगवाना चाहते हैं तो उन्होंने वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स और इसकी प्रभावकारिता को लेकर अनिश्चितता को इसका कारण बताया। वैक्सीन लगवाने से मना करने वाले लोगों में से 59 प्रतिशत ने कहा कि वे साइड इफेक्ट्स के कारण कर रहे हैं, वहीं 18 प्रतिशत ने अनिश्चित प्रभावकारिता को इसका कारण बताया। 11 प्रतिशत ने कहा कि महामारी वैसे ही खत्म हो रही है, इसलिए वैक्सीन की जरूरत नहीं।
अक्टूबर से हर महीने सर्वे कर रहा है लोकल सर्कल्स
बता दें कि लोकल सर्कल्स पिछले महीनों में भी ऐसे ही सर्वे कर चुका है और अक्टूबर में किए गए पहले सर्वे में 61 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाने में संकोच व्यक्त किया था। फाइजर और मोडर्ना जैसे वैक्सीनों के ट्रायल्स के सकारात्मक नतीजे आने के बाद नंवबर में ये आंकड़ा घटकर 59 प्रतिशत पर आ गया। वहीं दिसंबर में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीनें के ट्रायल में प्रतिकूल घटनाएं होने पर ये आंकड़ा 69 प्रतिशत हो गया।
देश में 10 लाख से अधिक लोगों को लग चुकी है वैक्सीन
16 जनवरी को शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान में देश में अब तक 10.5 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है और बुधवार को 2.37 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीनेशन के बाद देशभर में तीन लोगों की मौत भी हुई है। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में हुई ये तीनों मौतों हार्ट अटैक के कारण हुई हैं। हालांकि, वैक्सीनेशन और इन मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है।
दिख रही वैक्सीनों पर भरोसे की कमी
बता दें कि देश में अभी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन का पहला चरण चल रहा है और इसमें स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जानी है। हालांकि स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीनों के प्रति भरोसे की कमी देखने को मिली है और सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आए हैं। सरकार का लक्ष्य हर दिन तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाना था, लेकिन वह इसका 50 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल कर पाई है।