भारत सरकार ने 348 मोबाइल ऐप्स पर लगाया बैन, दूसरे देशों में भेज रही थीं डाटा
सरकार की ओर से भारत में मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने का सिलसिला जारी है और अब 348 ऐप्स पर बैन लगाया गया है। चीन और दूसरे देशों की ओर से डिवेलप की गईं ऐप्स पर बैन लगाने की वजह इनकी ओर से दूसरे देशों में यूजर्स का डाटा भेजना बताई गई है। ऐप्स बैन करने की जानकारी सरकार ने लोकसभा के मानसून सत्र में पूछे गए सवालों के जवाब में दी है।
लोकसभा में दी गई ऐप्स बैन की जानकारी
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना मंत्रालय की ओर से ऐप्स पर बैन लगाया गया है और इसकी वजह डाटा सुरक्षा से जुड़ी है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में रोडमल नागर की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि 348 ऐप्स की पहचान कर उनपर बैन लगाया गया है। सवाल था कि क्या भारत सरकार की ओर से दूसरे देशों में डाटा भेजने वाली किन्हीं ऐप्स की पहचान की गई है या फिर उन्हें बैन किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी गईं ऐप्स
सरकार की ओर से दावा किया गया है कि ये ऐप्स भारतीय यूजर्स का डाटा दूसरे देशों में स्थित सर्वर्स पर भेज रही थीं। साथ ही इन ऐप्स को यूजर्स डाटा के अलावा देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा माना गया है। आपको बता दें, सरकार ने इससे पहले ऐप्स के लिए कड़े नियम तय किए हैं और उनसे भारतीय सर्वर पर डाटा स्टोर करने को कहा गया है।
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम पर भी लगा बैन
300 से ज्यादा ऐप्स पर बैन लगाए जाने की जानकारी बीते दिनों बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम बैन किए जाने के बाद सामने आई है। बैन के बाद यह गेम गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से हट चुका है। सितंबर, 2020 में भारत में PUBG मोबाइल पर बैन लगने के बाद BGMI गेम उसके इंडिया-ओनली वर्जन के तौर पर लॉन्च किया गया था। यह गेम भी डाटा सुरक्षा से जुड़ी चिंता के चलते बैन किया गया।
गेम पर पुराने नियमों के तहत प्रतिबंध
सरकार के सर्कुलर में मंत्रालय ने कहा है कि BGMI पर बैन लगाने की कार्रवाई चीन के साथ डाटा शेयरिंग से जुड़ी चिंताओं के चलते की गई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, साल 2020 में सरकार ने PUBG मोबाइल समेत 118 ऐप्स को IT कानून के सेक्शन 69A के तहत बैन किया था और बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) पर भी इन्हीं नियमों के साथ प्रतिबंध लगा है।
सरकार ने वापस लिया डाटा संरक्षण विधेयक
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 11 दिसंबर, 2019 को सदन में डाटा संरक्षण विधेयक पेश किया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। विधेयक का मकसद किसी व्यक्ति के निजी डाटा का इस्तेमाल और शेयरिंग को सुरक्षा प्रदान करना और निजी डाटा को इस्तेमाल करने वाली कंपनी के बीच भरोसा कायम करना था। विधेयक वापस लिए जाने का फैसला केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रस्ताव के बाद लिया गया और इसमें करीब 81 संशोधन किए जाएंगे।