BGMI प्लेयर्स के पास 31 दिसंबर तक का वक्त, जल्द ट्रांसफर करें अपना PUBG मोबाइल डाटा
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम जल्द PUBG मोबाइल गेम से पुराना डाटा ट्रांसफर करने का विकल्प देना बंद कर देगा। क्राफ्टॉन ने उन प्लेयर्स के लिए नई डाटा ट्रांसफर पॉलिसी से जुड़ी घोषणा की, जिन्होंने PUBG मोबाइल गेम में लिविक मैप पर गेमिंग की है। कंपनी ने बताया है कि 31 दिसंबर के बाद प्लेयर्स को डाटा ट्रांसफर का विकल्प मिलना बंद हो जाएगा। यानी कि उन्हें जल्द से जल्द अपना गेम डाटा नए गेम में मूव कर लेना चाहिए।
कंपनी ने इसी सप्ताह दी जानकारी
क्राफ्टॉन ने 2 दिसंबर को कंपनी की वेबसाइट पर एक पोस्ट शेयर कर घोषणा की है कि यूजर्स को जल्द PUBG मोबाइल से बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम में डाटा ट्रांसफर का विकल्प मिलना बंद हो जाएगा। कंपनी ने कहा, "यूजर्स को स्मूद गेमप्ले अनुभव देने के लिए हम अब तक PUBG मोबाइल नॉर्मदिक मैप: लिविक (पुरानी ऐप) से बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया में कुछ डाटा ट्रांसफर करने का विकल्प दे रहे थे।"
31 दिसंबर तक ही कर पाएंगे डाटा ट्रांसफर
प्लेयर्स को केवल 31 दिसंबर तक का वक्त डाटा ट्रांसफर के लिए दिया गया है। बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम यूजर्स को उनका PUBG मोबाइल गेम से जुड़ा डाटा नए गेम में ट्रांसफर करने का विकल्प दे रहा था और वे फेसबुक या ट्विटर अकाउंट की मदद से ऐसा कर सकते थे। इसके लिए जरूरी शर्त यह थी कि पिछले और नए गेम दोनों में एक ही सोशल मीडिया अकाउंट से लॉगिन होना चाहिए।
अब नहीं मिलता फेसबुक से लॉगिन का ऑप्शन
कंपनी पहले यूजर्स को फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स की मदद से लॉगिन का विकल्प देती थी लेकिन अब यूजर्स फेसबुक की मदद से गेम में लॉगिन नहीं कर सकते। 5 नवंबर के बाद से BGMI गेम में फेसबुक अकाउंट की मदद से लॉगिन का विकल्प मिलना बंद हो गया है। गेम डिवेलपर ने बताया था कि फेसबुक सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट किट (SDK) से जुड़ा एक पॉलिसी अपडेट इस बदलाव की वजह है।
पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स बने गेम का हिस्सा
बीते दिनों 'गेम रिस्पॉन्सिबिलिटी' कैंपेन के साथ क्राफ्टॉन नए पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स लेकर आई है। कैंपेन के तहत क्राफ्टॉन की कोशिश पैरेंट्स को कई स्तर का नियंत्रण देने की है। इन फीचर्स में टाइम लिमिटेशंस से लेकर OTP कन्फर्मेशन तक शामिल हैं और 18 साल से कम उम्र वाले प्लेयर्स के पैरेंट्स को इनका फायदा मिलेगा। गेम ज्यादा खेलने का कम उम्र के प्लेयर्स पर बुरा असर पड़ने की शिकायत के चलते कंपनी कई सुधार कर रही है।
भारत सबसे बड़े गेमिंग मार्केट्स में शामिल
दुनिया के सबसे बड़े गेमिंग मार्केट्स की बात करें तो भारत आने वाले दिनों में मोबाइल गेमिंग का हब बन सकता है। क्राफ्टॉन के अलावा दूसरे गेम डिवेलपर्स भी संभावनाओं को देखते हुए नए टाइटल्स भारत में लॉन्च कर रहे हैं और यहां गेमिंग टूर्नामेंट्स का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके साथ ही गेमिंग नया करियर ऑप्शन बनने वाला है और ई-स्पोर्ट्स के बारे में भारतीय गेमर्स की समझ भी बेहतर हुई है।