कोरोना वायरस संकट: ऊबर इंडिया ने 600 कर्मचारियों को निकाला, ओला भी कर चुकी है छंटनी
कैब सर्विस कंपनी ऊबर भारत में 600 लोगों की छंटनी करेगी। कोरोना वायरस संकट के कारण कंपनी के कारोबार पर असर पड़ा है। इसे कम करने के लिए कंपनी लागत घटाने के प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों के तहत इन 600 लोगों को नौकरी से निकाला जाएगा। कंपनी के इस कदम से उसके 25 प्रतिशत कर्मचारी प्रभावित होंगे। यह छंटनी कस्टमर एंड ड्राइवर सपोर्ट, बिजनेस डेवलपमेंट, लीगल, फाइनेंस और मार्केटिंग वर्टिकल्स से की गई है।
प्रभावित कर्मचारियों को मिलेगा छह सप्ताह का पे-आउट
कंपनी ने कहा कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को अगले 10 सप्ताह तक सैलरी, छह महीने के लिए मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज और दूसरे फायदे दिए जाएंगे। उन्हें लैपटॉप रखने की इजाजत मिलेगी और उनके पास ऊबर टैलेंट डायरेक्टरी में शामिल होने का विकल्प रहेगा। बता दें कि बीते सप्ताह ऊबर इंडिया की पेरेंट कंपनी और अमेरिका स्थित ऊबर टेक्नॉलॉजीज ने स्टाफ में 23 फीसदी कटौती का ऐलान किया था। उसके मुताबिक यह आंकड़ा 6700 के करीब होगा।
निकाले गए सभी कर्मचारी थे स्थायी
ऊबर इंडिया ने जिन कर्मचारियों को निकाला है, वो सभी स्थायी कर्मचारी थे। ऊबर इंडिया और साउथ एशिया के प्रमुख प्रदीप परमेश्वरन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मौजूदा हालातों ने कंपनी के पास छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा था। नौकरियों में यह कटौती हाल ही घोषित की गई वैश्विक जॉब कट का हिस्सा है। उन्होंने इसे कंपनी के लिए खराब दिन बताते हुए प्रभावित कर्मचारियों से माफी मांगी है।
अब तक 6,700 लोगों को निकाल चुकी ऊबर
ऊबर ने इससे पहले 15 मई को भी 3,700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। कंपनी ने इस कदम से एक हफ्ते पहले बयान जारी कर कहा था कि वो लागत कम करने के लिए छंटनी का सहारा लेगी। इसके बाद एक जूम कॉल से इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद इसी सप्ताह भी कंपनी ने 3,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, जिसके बाद यह संख्या 6,700 हो गई है।
ऊबर की तरह ओला ने भी की छंटनी
ओला ने बीते सप्ताह आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए 1,400 कर्मचारियों की छंटनी की थी। कंपनी के CEO अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने चारों ओर आर्थिक और सामाजिक विनाश का माहौल बना दिया है। 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन ने ओला कैब्स जैसी टैक्सी सेवाओं के व्यवसायों को चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि दो महीनों में कंपनी को 95 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हुआ है। इससे लाखों ड्राइवरों की आजीविका भी प्रभावित हुई है।
कारदेखो डॉट कॉम ने करीब 200 कर्मचारियों को निकाला
ऑटोमोबाइल प्लेटफॉर्म कारदेखो डॉटकॉम ने भी लगभग 200 कर्मचारियों को घर भेज दिया है। इसके अलावा कंपनी ने बाकी कर्मचारियों की सैलरी में 10-15 फीसदी और वरिष्ठ प्रबंधन की सैलरी में 45 फीसदी तक की कटौती का फैसला किया है।
छह महीने तक सैलरी में कटौती करेगी TVS
इसके अलावा जानी-मानी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी TVS ने भी अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती का फैसला किया है। कंपनी ने कहा कि सैलरी में यह कटौती वर्कमैन स्तर के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी। फैसले के अनुसार, जूनियर एग्जीक्यूटिव की सैलरी में 5 फीसदी और वरिष्ठ प्रबंधन के स्तर पर 15-20 फीसदी कटौती होगी। यह फैसला मई महीने से लागू हो गया है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण कंपनियों के राजस्व पर बुरा असर पड़ा है।