मुंबई: कर्मचारी की मौत के बाद अस्पताल के बाहर स्वास्थ्यकर्मियों का प्रदर्शन, नहीं दी थी छुट्टी
कोरोना वायरस वार्ड में तैनात एक कर्मचारी की मौत पर आज सुबह स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य स्टाफ ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) इस अस्पताल को संचालित करती है। बताया जा रहा है कि कर्मचारी चार दिन से बीमार था और उसने छुट्टी मांगी थी, लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गई। रविवार देर रात को उसकी मौत हुई और उसका शव तभी से अस्पताल के शवगृह में रखा हुआ है।
मृतक की कोरोना वायरस रिपोर्ट का इंतजार
चूंकि मृत कर्मचारी कोरोना वायरस वार्ड में तैनात था और उसे चार दिन से बुखार था जो कोरोना वायरस का एक लक्षण है, इसलिए उसका टेस्ट किया गया है। अभी तक उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होेने की पुष्टि नहीं हुई है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। अस्पताल के मेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों ने अपने विरोध प्रदर्शन में मृतक के परिजनों को नौकरी और आर्थिक मदद देने की मांग की।
शवों के गलियारे में रखे रहने पर भी उठाए सवाल
मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण पहन कर प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स और अन्य कर्मचारियों ने अस्पताल के गलियारे में स्ट्रेचर पर शव रखे रहने का मुद्दा भी उठाया। हाल ही में अस्पताल की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं जिनमें अस्पताल के एक गलियारे में स्ट्रेचर्स पर बॉडी बैग में बंद कई शवों को देखा जा सकता है। भाजपा विधायकर नितेश राणे ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए सवाल उठाए थे।
शवगृह भरने के बाद गलियारे में रखे गए शव
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जमीनी मंजिल पर स्थित शवगृह के पूरी तरह भरने के बाद इन शवों को अस्पताल की पहली मंजिल पर भेजा गया था। पहली मंजिल पर एक क्लिनिकल लैब मौजूद है।
सामने आया था अस्पताल में लापरवाही का वीडियो
गौरतलब है कि पिछले दिनों भी KEM अस्पताल का एक वीडियो सामने आया था जिसमें अस्पताल के एक वार्ड में मरीजों के बगल में नीले रंग के बॉडी बैग में लिपटे कम से कम तीन शवों को देखा जा सकता है। शवों के पास ही कोरोना वायरस के मरीज अपने बेड पर लेटे हुए हैं और कुछ को ऑक्सीजन सप्लाई भी दी जा रही है। मरीजों के पास भी कई लोग बैठे हैं जो नियमों के खिलाफ है।
मुंबई में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
'सपनों की नगरी' मुंबई कोरोना वायरस का केंद्र बना हुआ है और यहां अब तक 31,972 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है। मुंबई अकेले महाराष्ट्र के 60 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है। शहर में 1,000 से अधिक की मौत हो चुकी है। मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और जहां अब तक 1,583 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है।
भारी दबाव में हैं शहर के अस्पताल
इतनी बड़ी संख्या में नए मरीज मिलने का असर मुंबई के अस्पतालों पर भी देखने को मिल रहा है और सरकारी अस्पताली में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित रखे गए सभी बेड भर चुके हैं। अस्पताल सोशल डिस्टेंसिंग से समझौता करके और बेडों के बीच दूरी कम करके अन्य बेडों के लिए जगह बना रहे हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड अपने कब्जे में लेने का आदेश भी दिया है।